विपक्षी गठबंधन की डिनर मीटिंग (सोर्स- सोशल मीडिया)
Rahul Gandhi Dinner Meeting: दिल्ली की सियासी शाम फिर गरमा गई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जब ‘इंडिया’ अलायंस के नेताओं को डिनर पर बुलाया, तो 24 पार्टियों के 50 से ज़्यादा नेता और सांसद वहां पहुंचे। कांग्रेस की आलोचना करने वाली ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के अलावा सपा, राजद, शिवसेना, डीएमके, एनसीपी और सीपीआई के नेता भी इसमें मौजूद थे।
इस डिनर वाली बैठक में देश की मौजूदा राजनीति पर चर्चा हुई। वोट चोरी पर भी बात विपक्षी दलों ने आपस में बातचीत की। इसके अलावा उपराष्ट्रपति चुनाव और बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर भी चर्चा के केन्द्र में रहा। राहुल गांधी की इस डिनर पॉलिटिक्स से एक संदेश यह भी निकल रहा है कि इसमें पहुंचने वाले विपक्षी दलों ने मान लिया है कि उन्हें ‘इंडिया’ ब्लॉक का नेता मान लिया है!
पिछले कुछ हफ़्तों से संसद में जो कुछ हो रहा है, वह विपक्ष के लिए किसी चेतावनी से कम नहीं है। बिहार में चुनाव आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया ने विपक्षी दलों को एकजुट होने पर मजबूर कर दिया है। डीएमके से लेकर सीपीआईएम तक और आम आदमी पार्टी से लेकर टीएमसी तक, सभी ने इसे मतदाताओं के अधिकारों पर हमला बताया है।
विपक्ष का मानना है कि सरकार मतदाता सूची से चुनिंदा नामों को हटाकर चुनावी गणित बदलना चाहती है। और यही डर भारत की जंग लगी मशीनरी को फिर से चालू कर रहा है। यही वजह है कि बैठक में सबने मिलकर तय किया कि SIR का मुद्दा उठाया जाता रहेगा। विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा और हम संसद में चर्चा की मांग करते रहेंगे।
इसके साथ ही सभी विपक्षी दल मिलकर उपराष्ट्रपति पद के लिए एक उम्मीदवार देंगे। इस नाम पर भारत गठबंधन के बड़े नेताओं के बीच चर्चा होगी। जिसके बाद एक ऐसा नाम तय किया जाएगा जिस पर सभी विपक्षी दल सहमत होंगे।
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बैठक में यह भी तय हुआ है कि अगर सरकार हमसे किसी नाम के साथ संपर्क करती है, तो उसे देखा जाएगा, लेकिन सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड ऐसा नहीं लगता। राहुल गांधी द्वारा उठाए गए चुनावी धांधली के मुद्दे को SIR से जोड़कर उठाया जाएगा। राहुल गांधी राजद के साथ मिलकर बिहार के दोनों मुद्दों को पूरी ताकत से उठाएंगे।
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा, लगभग 24 दल मौजूद थे। शरद पवार जैसे प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। हमने सरकार से सही सवाल पूछे हैं और सरकार पर दबाव बनाया है। आज राहुल गांधी ने सबूतों के साथ दिखाया कि कैसे वोटिंग में धांधली हो रही है। फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा, राज्य के दर्जे को लेकर मांग की गई है, राज्यसभा की सीटें भरने पर भी चर्चा होनी चाहिए।