दिल्ली में झंडा फहराने पर शुरू हुआ जंग
नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली में झंडा फहराना भी एक नया जंग का कारण बन गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों हिरासत में हैं। जिसकी वजह से यह जिम्मेदारी उन्होंने AAP की कैबिनेट मंत्री आतिशी पर सौंपी थी। हालांकि उनका ये फैसला दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना को पसंद नहीं आया।
विनय सक्सेना ने आप की जल मंत्री आतिशी के नाम के प्रस्ताव पर सहमति नहीं जताई। उन्होंने इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए दिल्ली के मंत्री कैलाश गहलोत का नाम नॉमिनेट किया है। जिसके बाद से एक बार फिर दिल्ली में सियासत गर्मा गई है।
LG के इस फैसले पर आतिशी ने विरोध जताते हुए उपराज्यपाल पर निशाना साधा है। उन्होने कहा कि “15 अगस्त को देश की आजादी का जश्न मनाने और आम लोगों की आवाज को बुलंद करने के लिए तिरंगा झंडा फहराते हैं। देश में 1947 से पहले अंग्रेजों का शासन था। पूरे देश में वह अपनी मर्जी से शासन चलाया करते थे। आज दिल्ली की चुनी हुई सरकार को झंडा फहराने के अधिकार से रोका जा रहा है तो लगता है कि दिल्ली में कोई नए वायसराय आ गए हैं।”
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उन्होंने कहा कि LG साहब दिल्ली की चुनी हुई सरकार को झंडा फहराने से रोकना चाहते हैं। इससे बड़ी तानाशाही और क्या ही हो सकती है। उन्होंने इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरते हुए कहा कि अब यह देखना होगा कि बीजेपी लोकतंत्र के साथ है या तानाशाही के साथ है।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हर साल दिल्ली के छात्रसाल स्टेडियम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल झंडा फहराते हैं। लेकिन इस बार वो तिहाड़ में बंद है। जिसके कारण ये जिम्मेदारी उन्होंने अपनी सबसे होनहार मंत्री को दिया था। स्वातंत्रता दिवस के मौके पर यह कार्यक्रम दिल्ली पुलिस और गृह विभाग की निगरानी में होती है।
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दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने नाम को फाइनल करने से पहले सीएम केजरीवाल से तिहाड़ में जाकर मुलाकात की थी। जिसके बाद आतिशी के नाम पर ही मोहर लगाया गया था। AAP ने सोमवार को एक आदेश जारी करते हुए बताया था आप की कैबिनेट मंत्री आतिशी स्वंतत्रता दिवस के मौके पर छत्रसाल में झंडा फहराएंगी। लेकिन अब आप की ये प्लानिंग भी अब फेल होती नजर आ रही है।