केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (सोर्स: सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कल यानी शनिवार 28 फरवरी को मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे जो उस पूर्वोत्तर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद पहली ऐसी बैठक होगी। मणिपुर में मई 2023 से जातीय हिंसा जारी है और अब तक वहां 250 लोगों की जान जा चुकी है।
मामले पर जानकारी के अनुसार गृह मंत्री कल शनिवार को मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, मणिपुर सरकार, सेना, अर्धसैनिक बल के शीर्ष अधिकारी बैठक में शामिल होंगे।”
जानकारी दें कि, एन बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बीते 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। राज्य विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक है और इसे अभी निलंबित अवस्था में रखा गया है। सुरक्षा स्थिति की समीक्षा बैठक राज्यपाल द्वारा 20 फरवरी को दिए गए उस ‘अल्टीमेटम’ के बाद आयोजित की जा रही है जिसमें अवैध और लूटे गए हथियार रखने वाले सभी लोगों को हथियार सौंपने के लिए कहा गया है।
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यह भी बता दें कि, बीते सात दिनों की अवधि में मुख्य रूप से घाटी के जिलों में 300 से अधिक हथियार जनता द्वारा सौंपे गए। इनमें मेइती चरमपंथी समूह अरम्बाई टेंगोल द्वारा सौंपे गए 246 आग्नेयास्त्र शामिल हैं। वहीं पूर्व केंद्रीय गृह सचिव भल्ला ने लोगों द्वारा अतिरिक्त समय देने की मांग के मद्देनजर लूटे गए और अवैध हथियारों को जमा कराने की समय सीमा शुक्रवार को छह मार्च शाम चार बजे तक बढ़ा दी है।
जानकारी दें कि, संघर्ष प्रभावित मणिपुर में ग्रामीण स्वयंसेवकों द्वारा सामूहिक रूप से हथियार सौंपे जाने के बीच आज यानी शुक्रवार को अज्ञात उग्रवादियों ने इंफाल पूर्वी जिले में एक मेइती धार्मिक स्थल पर समीपवर्ती पहाड़ियों से गोलीबारी की।
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यह घटना आज सुबह करीब साढ़े नौ बजे हुई, जब श्रद्धालुओं का एक समूह भारी सुरक्षा घेरे में प्रार्थना करने के लिए मेइती लोगों के पवित्र स्थल कोंगबा मारू गया था। यहां कि आसपास की पहाड़ियों से कुल सात गोलियां चलाई गईं लेकिन घटना में कोई व्यक्ति घायल नहीं हुआ।
यह भी बताया गया कि अतिरिक्त सुरक्षा बलों को घटनास्थल पर भेजा गया है. वहीं गोलीबारी की घटना के बाद आस-पास के गांवों के गुस्साए स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए और अपना विरोध दर्ज कराने के लिए यातायात अवरूद्ध कर दिया। कोंगबा मारू में पहले भी कंगपोकपी जिले के समीपवर्ती पहाड़ी क्षेत्रों से आए उपद्रवियों द्वारा मंदिर की संपत्ति में तोड़फोड़ की घटना सामने आ चुकी है ।
(एजेंसी इनपुट के साथ)