
भारत-पाक में संघर्ष। इमेज-सोशल मीडिया।
Biggest War 2025: यह वर्ष यानी साल 2025 कई बड़े संघर्षों का गवाह बना है। कहीं शांति है, कहीं आज भी संघर्ष जारी है। हजारों लोगों की जान चली गई है। हजारों लोग विस्थापन का दंश झेल रहे। फिलहाल अफ्रीका महाद्वीप के कई देश गृह युद्ध और युद्ध की चपेट में है। मई महीने में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी थी। ईरान पर इजरायल और अमेरिका संयुक्त हमले ने मध्य-पूर्व में एक नए संकट की नींव रखी थी। वैसे, जल्द ही सीजफायर का ऐलान कर दिया गया। मगर, अंदरखाने ईरान और इजरायल के बीच तनाव अब भी है। एक मंदिर को लेकर थाईलैंड और कंबोडिया के बीच शुरू हुआ संघर्ष दोबारा शुरू हो चुका।
अमेरिकी राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप ने कांगो और रवांडा के बीच सीजफायर कराया, लेकिन टिक नहीं सका। शांति समझौते के कुछ देर बाद कांगो में हिंसा भड़की। आतंकवाद के मुद्दे पर अफगानिस्तान और पाकिस्तान आमने-सामने हैं। डूरंड लाइन पर हालात तनाव भरे हैं। वहीं, चीन और जापान के बीच माहौल कसीदगी पूर्ण हैं। हम इस आर्टिकल में साल 2025 के पांच बड़े संघर्षों की बात कर रहे, जिन्होंने पूरी दुनिया को चिंता में डाला।
इजरायल की सेना ने इसी साल 13 जून को पहली बार ईरान की धरती पर एयर स्ट्राइक को किया। राजधानी तेहरान समेत अन्य हिस्सों में मौजूद सैन्य और परमाणु ठिकानों पर इजरायली एयरफोर्स ने बमबारी की। ईरान ने कई सैन्य कमांडर और परमाणु वैज्ञानिक खो दिए। 12 दिनों तक चले संघर्ष में इजरायल के 200 से ज्यादा फाइटर प्लेन ने ईरान में 100 से अधिक ठिकानों को तबाह कर दिया। इसके जवाब में ईरान ने सैकड़ों बैलेस्टिक मिसाइलों से हमला किया। 22 जून को अमेरिकी वायुसेना ने पहली बार ईरान के 3 परमाणु संयंत्रों नतान्ज, फोर्डो और इस्फ़हान पर बंकर रोधी बमों से हमला किया। जवाबी कार्रवाई में ईरान ने कतर स्थित अमेरिका के सबसे बड़े एयरबेस पर मिसाइलें दाग दीं। 24 जून को अमेरिका के एलान के बाद सीजफायर हुआ। इजरायली हमलों में ईरान के 610 लोगों की जान गई। 4,746 लोग घायल हुए।
22 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में गोली मारकर 26 पर्यटकों की हत्या कर दी थी। भारत ने आतंकियों से बदला लेने का निर्णय लिया। 7 मई की रात भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। पाकिस्तान ने भी भारत के कई शहरों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। इन सभी हमलों को विफल कर दिया गया। 9 मई की रात भारतीय वायुसेना ने निर्णायक प्रहार किया। पाकिस्तान के 13 एयरबेस को ब्रह्मोस मिसाइल से नष्ट कर दिया। इसके बाद घुटनों पर आए पाकिस्तान ने भारत से सीजफायर की अपील की। उसकी मांग पर भारत ने 10 मई की रात से सीजफायर लागू कर दिया। यह पहली बार था, जब दो परमाणु संपन्न देशों के बीच इतने बड़े स्तर तक संघर्ष फैला था।
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद है। यह एक सदी पुराना भी है। 2008 में कंबोडिया ने 11वीं सदी के एक मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल कराने की कोशिश की, लेकिन थाईलैंड ने जमकर विरोध किया। इसी मंदिर को लेकर दोनों देशों के बीच झड़पें हुईं। दोनों तरफ से सैनिक और आम नागरिकों की जान गई। ताजा विवाद 24 जुलाई 2025 को हुआ। दोनों देशों की सेनाओं ने भारी तोपखाने और रॉकेट से एक-दूसरे पर हमला बोल दिया था। 2 दिन के संघर्ष में 48 लोगों की मौत गई और 3 लाख से अधिक लोगों को विस्थापित हो गए। 26 अक्टूबर को थाईलैंड और कंबोडिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में युद्ध विराम समझौता लागू कर दिया। 8 दिसंबर को दोनों देशों के बीच गोलीबारी फिर शुरू हुई। दोनों ने एक-दूसरे पर युद्ध विराम के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
9 अक्टूबर को पाकिस्तानी वायुसेना ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल समेत कई हिस्सों में बमबारी की थी। 12 अक्टूबर को तालिबान लड़ाकों ने डूरंड लाइन पर कई पाकिस्तानी चौकियों को निशाना बना लिया। तालिबान के अनुसार हमले में पाकिस्तान के 58 सैनिकों की जान गई। पाकिस्तान का दावा है कि उसके 23 सैनिक ही मारे गए हैं। 15 अक्टूबर को पाकिस्तान ने दूसरी बार अफगानिस्तान पर हवाई हमला बोला। इसमें कई मासूम बच्चों और नागरिकों की मौत हो गई। इसके बाद भी पाकिस्तान अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत पर एयर स्ट्राइक कर चुका है। सीमा पर दोनों देशों के बीच अब भी तनाव है।
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हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कांगो और रंवाडा के बीच शांति समझौता कराया। जो 24 घंटे भी टिक नहीं सका। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगा दिया। इसी साल की शुरुआत में विद्रोही गुट एम23 ने डीआर कांगों के गोमा और बुकावु शहर पर हमला कर उनका नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था। कांगो का आरोप है कि एम23 को रवांडा का समर्थन है। अब तक रवांडा और कांगो के बीच संघर्ष में हजारों लोगों की जान गई है। 63 लाख से अधिक लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। 2 करोड़ लोगों के सामने भुखमरी का संकट छा गया है।






