
कंबोडिया-थाईलैंड के में तनाव बढ़ा, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
Thailand Cambodia Conflict: कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सीमावर्ती तनाव अब भीषण संघर्ष का रूप ले चुका है। कंबोडिया के ताकतवर सीनेट अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन ने थाईलैंड के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने की कसम खाई है। दक्षिण-पूर्वी एशिया के इन दोनों पड़ोसी देशों के बीच हालात इतने खराब हो चुके हैं कि हजारों लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तरफ पलायन कर रहे हैं।
रविवार को हुई एक छोटी झड़प के बाद संघर्ष तेजी से बढ़ा था, जिसमें दो थाई सैनिक घायल हुए थे। इससे पहले जुलाई में भी दोनों देशों के बीच पांच दिन तक चली लड़ाई में कई लोग मारे गए थे। ताजा घटनाओं ने उस तनाव को एक बार फिर भड़का दिया है।
हुन सेन ने फेसबुक और टेलीग्राम पर जारी एक बयान में कहा कि कंबोडिया ने सोमवार को संयम बरतते हुए जवाबी कार्रवाई से परहेज किया था, लेकिन इसके बाद थाई सेना ने गोलीबारी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि कंबोडिया शांति चाहता है, लेकिन अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए जवाब देना हमारी मजबूरी है।
हालांकि 2023 में प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बाद सत्ता उनके बेटे हुन मानेट के हाथों में है, लेकिन माना जाता है कि हुन सेन अभी भी देश के सबसे प्रभावशाली नेता हैं।
थाई प्रधानमंत्री अनुतिन चर्नविराकुल ने स्पष्ट किया कि अब तक कंबोडिया की ओर से वार्ता के लिए कोई संपर्क नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि थाई सेना निर्धारित योजना के अनुसार सभी सैन्य अभियानों को जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि हमें वही करना है जो हमारे देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
थाई सेना ने आरोप लगाया कि कंबोडिया ने मंगलवार को तोपखाने, रॉकेट और ड्रोन के जरिए उसकी चौकियों को निशाना बनाया। थाईलैंड का कहना है कि रविवार और सोमवार को भी कंबोडियाई सेना ने उसके सैनिकों पर गोलीबारी की थी।
कंबोडिया का दावा है कि हालिया लड़ाई में उसके सात नागरिक मारे गए और 20 घायल हुए। वहीं थाई सेना ने पुष्टि की कि उसके तीन सैनिक मारे गए हैं।
थाईलैंड ने सोमवार को सीमावर्ती इलाकों में हवाई हमले किए, जिन्हें उसने रक्षात्मक कार्रवाई बताया। थाई सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल सुरसंत कोंगसिरी ने कहा कि अभियान तब तक जारी रहेंगे जब तक कंबोडिया की ओर से हमले नहीं रुकते।
तनाव बढ़ने के बाद दोनों देशों में ग्रामीणों का बड़े पैमाने पर पलायन जारी है। थाई सेना के अनुसार चार सीमावर्ती प्रांतों में लगभग 500 अस्थायी आश्रय बनाए गए हैं, जहां 1.25 लाख से अधिक लोग रह रहे हैं।
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वहीं कंबोडिया के सूचना मंत्री नेथ फियाक्ट्रा ने बताया कि करीब 55,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। दोनों देशों के हालात को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत का रास्ता अपनाने की अपील की है।






