
सुप्रीम कोर्ट (सोर्स: सोशल मीडिया)
IndiGo Flight Operation Crisis: इंडिगो एयरलाइंस संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट से तत्काल सुनवाई करने की मांग की गई है। ऐसी स्थिति पर सरकार के पास क्या विकल्प हैं? सुप्रीम कोर्ट से तलब किए जाने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता के वकील सीजेआई सूर्यकांत के घर थोड़ी देर में पहुंचने वाले हैं, ताकि आज ही विशेष बेंच गठित की जाए और मामला सुना जा सके।
बता दें कि शुक्रवार को इंडिगो ने दिल्ली एयरपोर्ट से रात 12 बजे तक की सभी घरेलू उड़ानें रद्द कर दी थीं। एयरलाइन ने इसे अपनी अब तक की सबसे गंभीर परिस्थिति बताया था। इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने वीडियो संदेश में कहा कि 5 दिसंबर को स्थिति सबसे बदतर थी और 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। उन्होंने यात्रियों से माफ़ी मांगते हुए कहा कि 10 से 15 दिसंबर के बीच ऑपरेशन पूरी तरह सामान्य होने की उम्मीद है।
यात्रियों की परेशानी को देखते हुए रेलवे और स्पाइसजेट ने कदम उठाए हैं। रेलवे ने 37 ट्रेनों में 116 अतिरिक्त कोच जोड़े हैं। स्पाइसजेट अगले कुछ दिन 100 अतिरिक्त फ्लाइट चला रही है। रेलवे ने हाई डिमांड रूटों पर क्षमता बढ़ाई है। इससे फंसे यात्रियों को राहत मिलेगी। रेलवे ने कहा है कि ये अतिरिक्त कोच तत्काल प्रभाव से लगाए जा रहे हैं। IRCTC पर अब भी सीटें उपलब्ध हैं।
एयरलाइंस पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPA) ने DGCA के इस फैसले पर एतराज़ जताया है। उनका कहना है कि सुरक्षा नियमों में ढिलाई देना एक खतरनाक उदाहरण बन सकता है। इंडिगो देश के एयर ट्रैफिक में 63% हिस्सेदारी रखती है, और इतने बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द होने से हजारों यात्री फंस गए। इस मुद्दे पर संसद में भी हंगामा हुआ।
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केंद्र ने इंडिगो मैनेजमेंट को आदेश दिया है कि यात्रियों को तुरंत रिफंड दिया जाए और भविष्य में ऐसी गड़बड़ी न हो, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। लगातार उथल-पुथल के बाद इंडिगो के उड़ान संचालन धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहे हैं, लेकिन पूरी तरह सामान्य होने में अभी कुछ दिन और लग सकते हैं।






