मनीष सिसोदिया
नई दिल्ली: आबकारी मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाएं खारिज होने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को कहा कि वह उच्च न्यायालय के इस फैसले से ‘‘ससम्मान असहमति” व्यक्त करती है तथा वह दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री के लिए ‘‘इंसाफ” की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय जाएगी।
उच्च न्यायालय ने कथित शराब घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा क्रमश: दर्ज किए गए धनशोधन एवं भ्रष्टाचार के मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं। दिल्ली की मंत्री आतिशी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आबकारी नीति मामला भाजपा की ‘‘राजनीतिक साजिश” है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम उच्च न्यायालय का सम्मान करते हैं लेकिन हम उसके निर्णय से ससम्मान असहमत हैं। यह कथित शराब घेाटाला भाजपा द्वारा रची गयी राजनीतिक साजिश है। यह आप पर हमला करने एवं पार्टी को कुचल देने की राजनीतिक साजिश है।” आतिशी ने आरोप लगाया, ‘‘जब भाजपा दिल्ली और पंजाब में चुनावी रण में आप को पराजित नहीं कर सकी तब यह साजिश रची गयी।”
इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित शराब घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज किए गए धनशोधन और भ्रष्टाचार के मामलों में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं। न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने कहा कि सिसोदिया कथित तौर पर इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य सहित महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने में शामिल थे।
उच्च न्यायालय ने कहा कि सिसोदिया दिल्ली सरकार के सत्ता गलियारे में एक बहुत शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति हैं क्योंकि उनके पास 18 विभाग थे।इसने कहा, ‘‘यह मामला आवेदक द्वारा सत्ता का गंभीर दुरुपयोग और सार्वजनिक विश्वास का उल्लंघन किए जाने का है, जो दिल्ली के उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत थे।” अदालत ने आदेश सुनाते हुए कहा कि आबकारी विभाग सहित 18 विभागों वाले मंत्री के रूप में सिसोदिया को दिल्ली के लिए एक नयी शराब नीति तैयार करने का काम सौंपा गया था। इसने कहा कि हालांकि जांच के दौरान एकत्र की गई सामग्री से पता चलता है कि प्रथम दृष्टया सिसोदिया ने अपने पूर्व निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप सार्वजनिक प्रतिक्रिया गढ़कर आबकारी नीति बनाने की प्रक्रिया में गड़बडी की।