रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Image-Social Media)
श्रीनगर: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को जम्मू-कश्मीर पहुंचे। यहां बादामी बाग छावनी के अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पाकिस्तान को दिए गए सख्त संदेश को दोहराया और कहा कि उसके परमाणु हथियारों को अंतरराष्ट्रीय निगरानी में रखा जाना चाहिए।
राजनाथ सिंह ने अपने दौरे के दौरान सैनिकों से बातचीत की और इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान की बार-बार की गैरजिम्मेदाराना परमाणु धमकियों की वैश्विक जांच की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) को इस्लामाबाद के परमाणु शस्त्रागार की निगरानी करनी चाहिए।
श्रीनगर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत की तरफ से चलाई गई, अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी कार्रवाई है। 35-40 सालों से भारत सरहद पार से चलाये जा रही आतंकवाद का सामना कर रहा है। आज भारत ने पूरी दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ हम किसी भी हद तक जा सकते हैं।
पहलगाम में आतंकी घटना को अंजाम देकर भारत के माथे पर चोट पहुंचाने का काम किया, भारत की सामाजिक एकता को तोड़ने का प्रयास किया गया। उन्होंने भारत के माथे पर वार किया, हमने उनकी छाती पर घाव दिए हैं।
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उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के बाद जिस तरह से जम्मू-कश्मीर के लोगों ने पाकिस्तान और आतंकवादियों के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया – मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी सलाम करता हूं। मैं यहां उस ऊर्जा को महसूस करने आया हूं जिसने दुश्मनों को तबाह कर दिया। जिस तरह से आपने सीमा पार पाकिस्तानी चौकियों और बंकरों को नष्ट किया, मुझे लगता है कि दुश्मन इसे कभी नहीं भूल पाएंगे।मैं आतंकवाद और आतंकवादियों से लड़ते हुए बहादुर जवानों के सर्वोच्च बलिदान को नमन करना चाहता हूं। मैं उनकी स्मृति को सम्मान देता हूं।