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Vice President Election: उपराष्ट्रपति चुनाव अब बीती बात हो गई है, लेकिन इस चुनाव पर चर्चा अभी भी जारी है। उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने यूपीए उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को हराया। भाजपा ने इस चुनाव का इस्तेमाल अपने सहयोगियों के साथ तनावपूर्ण संबंधों को सुलझाने के लिए भी किया।
महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच आए दिन तनाव की खबरें आती रहती हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव में, भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व अपने गठबंधन सहयोगी को खुश रखने की पूरी कोशिश करता दिखा। भाजपा नेतृत्व ने एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के लिए समर्थन जुटाने के लिए शिवसेना सांसद और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे को चुना था।
भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि श्रीकांत शिंदे ने न केवल एनडीए को एकजुट रखा, बल्कि महाराष्ट्र से सीपी राधाकृष्णन के लिए कुछ अतिरिक्त वोट भी हासिल करने में सफल रहे। क्योंकि सभी दलों में उनके दोस्त मौजूद हैं।
सूत्रों से हुए इस खुलासे के बाद माना यह जा रहा है कि एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को मिलने वाले एक्स्ट्रा मतों में महाराष्ट्र के विपक्षी दलों के सांसदों का वोट शामिल है। इसमें एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (UBT) के सांसद हो सकते हैं।
दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने सीपी राधाकृष्णन के लिए समर्थन जुटाने के लिए श्रीकांत शिंदे को कमान सौंपकर महाराष्ट्र में सहयोगी एकनाथ शिंदे को खुश करने की कोशिश भी की। इसीलिए यह कहा जा रहा है कि बीजेपी ने उपराष्ट्रपति चुनाव के जरिए एक तीर से दो शिकार किए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी ने बुधवार को नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की और उन्हें उनकी जीत पर बधाई दी। उन्होंने राधाकृष्णन से महाराष्ट्र सदन में मुलाकात की। बी सुदर्शन रेड्डी ने एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन के खिलाफ संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और हार का सामना किया।
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सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले, जबकि राधाकृष्णन 452 वोट पाकर विजयी हुए। इसके अलावा 15 वोट अवैध पाए गए। हार के बाद बी सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि वह विनम्रतापूर्वक इस परिणाम को स्वीकार करते हैं, लेकिन उनका वैचारिक संघर्ष और भी ज़ोरदार तरीके से जारी रहेगा।