जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री पर साधा निशाना (सोर्स:-सोशल मीडिया)
मणिपुर: मणिपुर हिंसा मामले में कांग्रस लगातार मोदी सरकार पर हमलावर होती रही है। जहां एक बार फिर कांग्रेस ने मणिपुर मामले में प्रधानमंत्री का घेराव किया है। कांग्रेस ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की टिप्पणियों को लेकर शुक्रवार को उन पर और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि जब प्रधानमंत्री पूरी दुनिया में जा रहे हैं तो हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा करके शांति की स्थापना की पहल क्यों नहीं कर सकते।
कांग्रेस की ये प्रतिक्रिया मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह के बयान के बाद आई जहां सिंह ने कहा था कि केंद्र की मदद से छह महीने में पूर्ण शांति बहाल की जाएगी। जिसपर कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं और उनके रहते हालात में बेहतरी नहीं आ सकती।
मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर के लोग चाहते हैं कि प्रधानमंत्री राज्य का दौरा करें और प्रधानमंत्री नहीं गए। यह एक असाधारण स्थिति है, वह पूरी दुनिया में गए लेकिन उन्हें कुछ घंटों के लिए मणिपुर जाने का मौका नहीं मिला। प्रधानमंत्री जो कर रहे हैं वो अस्वीकार्य है और उन्होंने जो किया है वह अक्षम्य है। रमेश ने दावा किया कि मणिपुर में हिंसा को लगभग 16 महीने बीत चुके हैं, लेकिन कोई शांति नहीं है, कोई सद्भाव नहीं है, कोई मेल-मिलाप नहीं है, कोई सामान्य स्थिति नहीं है।
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जयराम रमेश ने कहा कि मुझे नहीं पता कि मुख्यमंत्री किस दुनिया में रह रहे हैं? मणिपुर के मुख्यमंत्री ने विश्वसनीयता खो दी है। मुख्यमंत्री ने पहले जो कहा है, उसके खुलासे और ऑडियो रिकॉर्डिंग हुई हैं, जिनकी जांच की जानी चाहिए। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मुख्यमंत्री किस आधार पर स्थिति सामान्य होने का दावा कर रहे हैं। यह जमीनी हकीकत के बिल्कुल विपरीत है।
इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत मिलने के 15 महीने बाद राज्य में आग लगी। जो हुआ वो आकस्मिक नहीं है। मामले की सच्चाई यह है कि प्रधानमंत्री यूक्रेन गए, प्रधानमंत्री रूस गए, वह पोलैंड गए, कई अन्य देशों में गए, लेकिन उन्हें कुछ घंटों के लिए भी मणिपुर जाने का न तो समय मिला और न ही उन्होंने रुचि दिखाई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने न तो मुख्यमंत्री और न ही राज्य के जन प्रतिनिधियों से मुलाकात की है।
मणिपुर मामले में सीएस बीरेन सिंह ने पहली बार खुलासा किया कि उन्होंने कुकी-जो और मेइती नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए एक दूत नियुक्त किया है। आधिकारिक गणना के अनुसार, मई 2023 से कुकी-जो और मेइती जातीय समूहों के बीच संघर्ष में 226 लोग मारे गए हैं। सिंह ने कहा इसे बातचीत के जरिए ही सुलझाया जा सकता है। संवाद ही एकमात्र रास्ता है।
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इसके साथ ही उन्होंने बताया कि नगा विधायक और हिल एरिया कमेटी के अध्यक्ष डिंगांगलुंग गंगमेई को दूत नियुक्त किया गया है। यह पूछे जाने पर कि शांति बहाल करने के वास्ते उन्होंने स्वयं के लिए क्या समय-सीमा तय की है, सिंह ने संकेत दिया कि शांति लाने में बातचीत के साथ-साथ केंद्र सरकार की भागीदारी अहम होगी, चाहे वह गृह मंत्रालय के माध्यम से हो या अन्य एजेंसी के माध्यम से।