
गृह मंत्रालय और मणिपुर विधानसभा परिसर।
Manipur will not Become a Union Territory: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर दौरे के बाद अब कुकी-जो समुदाय के प्रतिनिधियों ने छह और सात नवंबर को गृह मंत्रालय में अहम बैठक की। इस दौरान उन लोगों ने मणिपुर को केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे की मांग की, जिसे मंत्रालय ने इनकार कर दिया। उन्होंने अपनी मांग को संवैधानिक भी बताया। इस पर गृह मंत्रालय ने साफ शब्दों में कहा कि केंद्र सरकार आपकी कठिनाइयों को समझती है, मगर वर्तमान नीति इस नए केंद्र शासित प्रदेश निर्माण का समर्थन नहीं करती। बता दें कि यह बैठक पहले से चल रहे शांति समझौते के तहत हुई है। इसमें सरकार और कुकी-जो समूहों के बीच जारी संवाद का हिस्सा है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि किसी फैसले से पहले प्रदेश के अन्य समुदायों से भी व्यापक विचार-विमर्श करना बेहद जरूरी है। मंत्रालय ने दोहराया कि राज्य में स्थायी शांति और विश्वास स्थापित करना सरकार का मुख्य उद्देश्य है। ऐसे में संवाद जारी रहेगा।
गौरतलब है कि पिछले समझौते का हिस्सा यह वार्ता है, जो 2008 में हुआ था। उस वक्त से यह वार्ता जारी है। इस बार भी सभी पक्ष शांति और स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हुए हैं। इतना ही नहीं मुख्य सड़क खोलने और उग्रवादी शिविर हटाने जैसे मुद्दे भी विस्तृत चर्चा की गई।
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बैठक में मंत्रालय ने कुकी-जो समुदाय की मांग को लेकर स्पष्ट कर दिया कि नई नीति की वजह से नया केंद्र शासित प्रदेश बनाने का समर्थन मौजूदा समय में संभव नहीं है। केंद्र सरकार यह चाहती है कि समुदायों की सहमति से बड़ा कदम उठाया जाए। सरकार और समूहों के बीच संवाद से प्रदेश में शांति स्थापित करने की कोशिशें बढ़ी हैं। सभी पक्षों को सहयोग और समझौते के नियमों का पालन करना होगा, ताकि स्थिरता बनी रहे।
13 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर का दौरा किया था। पीएम मोदी ने इंफाल और चुराचांदपुर में दो अलग-अलग सभाओं को संबोधित किया। इसके साथ् ही करीब 8,500 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया था। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का मणिपुर का 8वां दौरा रहा। बता दें, मई 2023 से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच शुरू हुई हिंसा के बाद पीएम का यह पहला दौरा था।






