दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के सरकारी आवास का टेंडर निरस्त
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के सरकारी आवास पर होने वाले 60 लाख रुपये के रेनोवेशन कार्य को लेकर अब फैसला बदल दिया गया है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इस पर निकाला गया टेंडर अब रद्द कर दिया है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब विपक्ष ने इस खर्च को लेकर सरकार पर जनता के पैसों की फिजूलखर्ची का आरोप लगाया था। 7 जुलाई को जारी सरकारी सूचना में टेंडर को प्रशासनिक कारणों के चलते निरस्त करने की बात कही गई है।
इस टेंडर को 4 जुलाई को खोला जाना था, जिसमें बंगले की इलेक्ट्रिकल फिटिंग और तकनीकी कार्य शामिल थे। रेनोवेशन प्रस्ताव में दो-दो टन के 24 एसी, 115 सजावटी लाइट्स, 5 टीवी और प्रीमियम फैन जैसे सामान शामिल थे। यह रेनोवेशन सीएम रेखा गुप्ता को फरवरी में पदभार संभालने और जून में टाइप-7 श्रेणी का बंगला मिलने के बाद प्रस्तावित था। लेकिन अब इसे रद्द कर विपक्ष को एक जवाब देने की कोशिश मानी जा रही है।
विपक्ष ने बताया रंग महल, सरकार ने दी सफाई
टेंडर जारी होने के बाद आप और कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने इसे ‘रंग महल’ और ‘माया महल’ बताते हुए जनता के पैसे की बर्बादी करार दिया था। विपक्ष का कहना था कि जब जनता महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रही है, तब 60 लाख का बंगला साज-धाज पर खर्च करना पूरी तरह से अनुचित है। भाजपा ने सफाई देते हुए कहा था कि यह खर्च सरकारी प्रक्रिया का हिस्सा है और इसमें कोई विलासिता नहीं थी।
टेंडर में एसी, झूमर और प्रीमियम लाइट्स
1 जुलाई को जारी PWD टेंडर में सीएम बंगले में बड़े स्तर पर इलेक्ट्रिकल और साज-सज्जा कार्य की योजना बनाई गई थी। इसमें 11 लाख रुपये के 24 एयर कंडीशनर, 23 एनर्जी एफिशिएंट सीलिंग फैन, 16 वॉल माउंटेड फैन और 6.03 लाख की 115 सजावटी लाइटिंग फिक्स्चर शामिल थे। प्रस्तावित लाइट्स में पीतल की लालटेन, झूमर, कांच की वॉल लाइट्स और तीन बड़े शेंडेलियर्स थे। साथ ही 5 बड़े टीवी की खरीद भी प्रस्ताव में थी।
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हालांकि, अब टेंडर रद्द किए जाने से विवाद पर कुछ विराम लगा है, लेकिन इस पूरे मामले ने सरकारी खर्च और प्राथमिकताओं को लेकर नई बहस छेड़ दी है। विपक्ष की आलोचना के बीच यह निर्णय सरकार की संवेदनशीलता और जनभावना के प्रति सजगता को दर्शाता है। अब देखना होगा कि रेनोवेशन का कोई नया प्रस्ताव सामने आता है या इसे पूरी तरह टाल दिया जाएगा।