किरेन रिजिजू व अखिलेश यादव (फोटो- सोशल मीडिया)
Parliament Session: सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने संसद में चीनी अतिक्रमण का मुद्दा उठाया। जिसके जवाब में किरेन रिजिजू ने कहा कि चीन ने 1962 के बाद अरुणाचल की एक इंच भी ज़मीन नहीं ली। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर तथ्यों की सटीकता होना बेहद जरूरी है। मंत्री ने क्लियर करते हुए कहा कि जो भी चीन के नियंत्रण में है वो 1962 और उससे पहले ही हुई है उसके बाद से एक इंच भी जमीन नहीं ली गई।
संसद में मानसून सत्र चल रहा है और आज सत्र का छठा दिन है। दोनों सदनों में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर चर्चा हो रही है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस भी देखने को मिल रही है। आज (मंगलवार) समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा कि भारत को पाकिस्तान से ज़्यादा चीन से ख़तरा है। चीन हमारा बाजार और जमीन दोनों छीन लेगा। पहलगाम में हुए हमले के लिए कौन ज़िम्मेदार है? क्या भारत ने सीमावर्ती इलाकों में चीन से बेहतर बुनियादी ढांचा बनाया है?
अखिलेश यादव ने सरकार से पूछा, 2014 में हमारे भारत का क्षेत्रफल कितना था और अब कितना है? भाजपा के सत्ता में आने से पहले और अब भारत का क्षेत्रफल कितना था? चीन का सामना करने के लिए आपकी क्या तैयारी है? क्या सरकार के पास पैंगोंग झील, गलवान घाटी के बारे में कोई जवाब है या नहीं?
अखिलेश के सवालों का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “चीन ने 1962 के युद्ध के बाद से भारत की सीमा में एक इंच भी घुसपैठ नहीं की है और न ही उसने अरुणाचल प्रदेश में कोई अतिरिक्त जमीन कब्जा की है।”
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रिजिजू ने आगे कहा, “जब अखिलेश यादव ने कहा कि चीन ने उस राज्य में घुसपैठ की है जहां से मैं आता हूं, तो मुझे लगा कि यह स्पष्ट करना जरूरी है। आज जो क्षेत्र चीन के नियंत्रण में है, वह पहले भी या 1962 के युद्ध के दौरान ही उसके नियंत्रण में आ चुका था।” केन्द्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर विषयों पर बोलते समय तथ्यों की सही से जानकारी होना बहुत जरूरी है।