अवैध मार्केट पर चला बुलडोजर(Image- Social Media)
Chandigarh Illegal Furniture Market Demolished: चंडीगढ़ की सबसे बड़ी फर्नीचर मार्केट पर रविवार को बड़ी कार्रवाई की गई। यह मार्केट 1985 से यहां पर थी। प्रशासन ने सालों से जमी फर्नीचर की लगभग 116 दुकानों पर बुलडोजर चला कर दुकानों को जमींदोज कर दिया। इस दौरान सुरक्षा के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती रही और पूरे इलाके की सड़कों को अस्थायी रूप से बंद कर ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया।
प्रशासन ने इस कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट के 2020 के ‘इंदौर डेवलपमेंट अथॉरिटी बनाम मनोहरलाल’ फैसले के तहत अंजाम दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले में साफ तौर पर कहा गया है कि सरकारी जमीन पर अवैध रूप से व्यवसाय करने वालों को अतिक्रमणकारी माना जाएगा। इस फैसले में अदालत ने कहा था कि ऐसे मामलों में उन्हें भूमि आवंटन में कोई प्राथमिकता नहीं दी जाएगी।
#WATCH | Chandigarh: An unauthorised furniture market in Sectors 53 and 54 being demolished in the presence of local administration and Police.
The unauthorised market, functioning since 1985, houses 116 shops and occupies approximately 15 acres of agricultural land in Sectors… pic.twitter.com/Zrma0dV91d
— ANI (@ANI) July 20, 2025
कार्रवाई को लेकर प्रशासन की तरफ से कहा गया कि फर्नीचर मार्केट के दुकानदारों ने करीब 15 एकड़ जमीन पर कब्जा कर रखा था, जिसे वर्ष 2002 में ही अधिगृहीत कर लिया गया था। प्रशासन के अनुसार, 227.22 एकड़ जमीन जिसमें कजहेड़ी, बड़हेड़ी और पलसौरा गांव की भूमि शामिल है। इस जमीन को सेक्टर-53, 54 और 55 के विकास के लिए अधिग्रहित किया गया था। मुआवजा और बढ़ा हुआ मुआवजा भी जमीन मालिकों को पहले ही दिया जा चुका है।
प्रशासन की इस बुलडोजर कार्रवाई से प्रभावित दुकानदारों ने विरोध जताया है। दुकानदारों का कहना है कि हम 1986 से इस जगह पर कारोबार कर रहे हैं और इसी जमीन पर अपनी आजीविका का निर्माण किया है। उन्होंने करहा कि हम अतिक्रमणकारी नहीं, मेहनतकश लोग हैं। अगर हटाना ही था, तो हमें वैकल्पिक स्थान दिया जाना चाहिए था। मार्केट के दुकानदारों ने प्रशासन से भूमि आवंटन में प्राथमिकता देने की मांग की थी, जिसे एस्टेट ऑफिसर-कम-डीसी ने 9 जनवरी 2025 को ही खारिज कर दिया था।
यह भी पढ़ें- एक घर में 5 लाशें…अहमदाबाद से आई बुराड़ी-पंचकूला जैसी वारदात, मचा हड़कंप
बता दें कि इस कार्रवाई से पहले, प्रशासन ने 22 जून 2024 को सभी दुकानदारों को पहले ही नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्हें एक सप्ताह के भीतर दुकानें हटाने का निर्देश दिया गया था। लेकिन, जब मार्केट खाली नहीं हुई, तो रविवार को यह सख्त कार्रवाई की गई।
(एजेंसी इनपुट के साथ)