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Baba Vanga Predictions: भारत के कई राज्य भयावह बाढ़ की चपेट में हैं। हिमाचल और उत्तराखंड के बाद जम्मू-कश्मीर और पंजाब भी प्रलयकारी बारिश की चपेट में है। राजधानी में यमुना नदी किनारों को तोड़ कर रिहायशी इलाकों तक पहुंच गई है। जिसके बाद कहा लोग दहशत में आ चुके हैं। क्योंकि साल 2025 के लिए बाबा वेंगा ने कुछ ऐसे ही संकेत दिए थे।
बाबा वेंगा की भविष्यवाणी सच होने के करीब इसलिए भी मानी जा रही है। क्योंकि पंजाब में दशकों की सबसे भीषण बाढ़ तबाही मचा रही है। यहां नदियांम उफान पर हैं। नहरे टूट गई हैं। हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि नष्ट हो गई है। लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं। कई अन्य राज्यों में भी ऐसा ही हाल देखने को मिल रहा है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अपनी मासिक भविष्यवाणी में कहा है कि सितंबर में देश में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। IMD के मंथली वेदर फोरकास्ट में बताया गया है कि सितंबर की मासिक औसत वर्षा दीर्घावधि औसत 167.9 मिमी के 109 प्रतिशत से अधिक रहने की अनुमान है।
आईएमडी के इस पूर्वानुमान और बाबा वेंगा की भविष्यवाणी को लोग एक साथ जोड़कर देख रहे हैं। ऐसे में लोग यह सोचकर दहशत से भर जा रहे हैं कि जिस तरह नदियां किनारे तोड़ रही हैं, और गांव से लेकर शहर तक बाढ़ से डूब रहे हैं। यह कही सितंबर में किसी बड़ी विनाशलीला का संकेत तो नहीं है?
बाबा वेंगा के अनुसार, 2025 के आखिरी महीनों में यूरोप, अमेरिका और एशिया के कई हिस्सों में भयंकर सूखा, भूकंप, बाढ़ और तापमान में असामान्य वृद्धि देखी जाएगी। इन आपदाओं के कारण जनसंख्या में भी भारी गिरावट का अनुमान लगाया गया है। कल ही अफगानिस्तान में एक भयानक भूकंप आया जिसमें 1400 लोगों की जान चली गई।
बाबा वेंगा की कई भविष्यवाणियां पहले भी चौंकाने वाली सटीकता के साथ सच साबित हुई हैं। इनमें 9/11 का हमला, चर्नोबिल परमाणु दुर्घटना, प्रिंसेस डायना की मौत, सोवियत संघ का विघटन, 2004 की सुनामी शामिल है। यह सभी घटनाएं इस बात की तस्दीक करती हैं।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि 1980 के बाद से सितंबर में बारिश में थोड़ी बढ़ोतरी देखी गई है, सिवाय 1986, 1991, 2001, 2004, 2010, 2015 और 2019 में इस महीने में कम बारिश के। इस साल, उत्तर-पश्चिम भारत में अगस्त में 265 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 2001 के बाद से इस महीने में सबसे ज्यादा और 1901 के बाद से 13वीं सबसे ज़्यादा बारिश है।
आईएमडी के अनुसार, देश के ज़्यादातर हिस्सों में सामान्य से ज़्यादा बारिश होगी। हालांकि, अगस्त में उत्तर भारत को और भी ज़्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि इससे उत्तराखंड में भूस्खलन और अचानक बाढ़ आ सकती है। साथ ही, दक्षिणी हरियाणा, दिल्ली और उत्तरी राजस्थान में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है।
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आपको बता दें कि उत्तराखंड से कई नदियां निकलती हैं। इसलिए यहां भारी बारिश का मतलब है कि नदियां उफान पर होंगी और इसका असर निचले इलाकों के शहरों और कस्बों पर पड़ेगा। छत्तीसगढ़ में महानदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है।