असम विधानसभा अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी।
गुवाहाटी : दिल्ली, यूपी की तरह असम विधानसभा में भी माहौल ठीक नहीं है। यही वजह है कि विधानसभा अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी ने मंगलवार को राज्य के लोगों से एक दिन पहले सदन के अंदर और बाहर हुई घटनाओं को लेकर माफी मांगी है। उन्होंने इस प्रकार की घटना और विधायकों के व्यवहार की निंदा की है।
सदन में हुए हंगामे में विधानसभा उपाध्यक्ष भी ‘चोटिल’ हो गए थे। अध्यक्ष ने विधानसभा की विशेषाधिकार समिति को उपाध्यक्ष नुमाल मोमिन के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। मोमिन ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ भाजपा विधायक के आचरण के विरोध में प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस विधायक नूरुल हुदा और अन्य ने उन पर हमला किया।
कांग्रेस विधायकों ने सोमवार को विधानसभा भवन के अंदर प्रदर्शन किया था और अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष के कक्षों की ओर जाने वाले गलियारे को अवरुद्ध कर दिया था। यह प्रदर्शन भाजपा विधायक रूपज्योति कुर्मी के खिलाफ किया गया था, जिन्होंने पिछले सप्ताह विपक्षी सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार किया था। यही नहीं उनपर हमला करने का भी प्रयास किया था। प्रदर्शन के दौरान उपाध्यक्ष मोमिन के बाएं हाथ में कथित तौर पर चोट लग गई।
दैमारी ने घटना पर कहा था, “बहुत दुख और पीड़ा के साथ, मुझे कल विधानसभा के अंदर और बाहर हुई घटनाओं के बारे में कुछ बातें बतानी पड़ रही हैं।” उन्होंने कहा कि सदन की गरिमा सबसे महत्वपूर्ण है, जो नियमों और परंपराओं के अनुसार चलती है। उन्होंने कहा कि लोग अपने प्रतिनिधि चुनते हैं और उनसे अपने मुद्दों के समाधान की बड़ी अपेक्षा करते हैं।
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दैमरी ने कहा कि जिस तरह हम निर्धारित नियमों के अनुसार पूजा स्थल में प्रवेश करते हैं, उसी तरह हमें विधानसभा में प्रवेश करते समय भी उसी अनुशासन का पालन करना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष ने यह निर्णय विधायकों पर छोड़ दिया कि उनका आचरण कितना उचित था और कहा, “मैं सदन के सदस्यों की ओर से राज्य की जनता से क्षमा मांगता हूं।