
राहुल गांधी भारतीय हैं या नहीं? हाईकोर्ट ने मोदी सरकार से मांगा जवाब, 10 दिन का दिया समय
प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने सोमवार को राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़े मामले में सुनवाई की। इस मामले में अदालत ने अहम आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को 10 दिन के अंदर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। अदालत ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है कि राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं।
जस्टिस एआर मसूदी तथा जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव प्रथम की खंडपीठ ने हुई इस सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने एक स्टेटस रिपोर्ट पेश की। इस पर अदालत ने कहा, वह सिर्फ यह जानना चाहते हैं कि राहुल गांधी नागरिक हैं या नहीं। मोदी सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट देने के लिए अतिरिक्त समय मांगा। यह मामला एस विग्नेश शिशिर की तरफ से दायर जनहित याचिका पर आधारित है। जिसकी अगली सुनवाई अब 5 मई को होगी।
बता दें कि 1 जुलाई, 2024 को कर्नाटक के वकील तथा भाजपा नेता एस विग्नेश शिशिर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता होने का बड़ा आरोप लगाया था। उन्होंने इस आरोप का आधार 2022 के गोपनीय मेल को बनाया था और विग्नेश शिशिर ने भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) के तहत राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग भी की थी।
याचिकाकर्ता ने इस मामले में दलील दी है कि उसके पास ब्रिटिश सरकार के सभी दस्तावेज और कुछ ईमेल हैं जो साबित करते हैं कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं। इसी वजह से वह भारत में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं। लिहाजा उनके राहुल गांधी लोकसभा सदस्य का पद नहीं संभाल सकते।
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इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि निर्वाचन आयोग ने ‘समझौता कर लिया है’ और ‘प्रणाली में कुछ गड़बड़ है’। राहुल गांधी शनिवार को अमेरिका पहुंचे। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने रविवार को यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दावा किया कि सरल शब्दों में कहें तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राज्य में वयस्कों की संख्या से ज्यादा लोगों ने मतदान किया।






