राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सांसद मनोज झा (फोटो- सोशल मीडिया)
अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को हुए भीषण विमान हादसे की रिपोर्ट विमान दुर्घटना ब्यूरो (AAIB) ने जारी की है, अब जिस पर कई तरह के सवाल खड़े किये जा रहे है। जांच रिपोर्ट को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सांसद मनोज झा ने गंभीर चिंता जताते हुए कहा है कि जिन पायलटों के ऊपर आरोप मढ़ा जा रहा है अब वो तो है नहीं और न ही अब वो अपने आपको बचाने आएंगें। बड़ी कंपनी है, इसमें बड़े लोग है, इनके ही हाथों में सब कुछ है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में गंभीरता का अभाव स्पष्ट देखा जा सकता है।
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि हादसे से ठीक पहले पायलट्स के बीच फ्यूल स्विच को लेकर बहस हुई थी। एक पायलट ने दूसरे से पूछा था, “आपने फ्यूल स्विच क्यों बंद किया?” इसके बाद थ्रस्ट खत्म हो गया और कुछ सेकंड में प्लेन क्रैश हो गया। लेकिन इस रिपोर्ट को लेकर राजनीतिक और तकनीकी सवाल उठने लगे हैं। खासकर इसलिए कि यह रिपोर्ट सार्वजनिक होने से पहले मीडिया में लीक हो गई थी।
‘बड़ी कंपनी, बड़े लोग… सब कुछ उन्हीं के हाथ में’
आरजेडी सांसद मनोज झा ने एअर इंडिया हादसे की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन पर आरोप लगाए गए हैं, वे अब दुनिया में नहीं हैं। “पायलट तो मर गए हैं, वो अब आकर खुद को बचाने नहीं आएंगे। बड़ी कंपनी है, बड़े लोग हैं, इनके हाथ में सब कुछ है।” उन्होंने रिपोर्ट में गंभीरता के अभाव की बात कही और इसे एकतरफा बताया। झा का मानना है कि जांच निष्पक्ष होनी चाहिए और मृत लोगों पर आरोप लगाने से पहले पूरे तथ्यों की गहराई से जांच होनी चाहिए।
‘रिपोर्ट लीक होना गोपनीयता का उल्लंघन’
पायलट्स एसोसिएशन ने AAIB की रिपोर्ट को मीडिया में लीक किए जाने पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि यह गोपनीयता का उल्लंघन है और इससे मृत पायलट्स की छवि पर नकारात्मक असर पड़ता है। एसोसिएशन ने मांग की है कि जांच में उन्हें बतौर ऑब्जर्वर शामिल किया जाए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि जांच सिर्फ पायलट्स को दोषी ठहराने की दिशा में की जा रही है, जबकि अन्य तकनीकी पहलुओं की अनदेखी हो रही है।
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निष्पक्षता की मांग और जांच की साख पर सवाल
पायलट्स संघ ने सवाल उठाया है कि अगर 10 जुलाई को वॉल स्ट्रीट जर्नल जैसी विदेशी मीडिया को रिपोर्ट का हिस्सा मिल गया, तो भारतीय सिस्टम में यह कैसे सुरक्षित नहीं रह सका? उन्होंने कहा कि यह केवल दुर्घटना की जिम्मेदारी तय करने का मामला नहीं है, बल्कि पायलट्स की गरिमा और पेशेवर साख से जुड़ा सवाल है।