
पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का निधन (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Shivraj Patil Death: पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शिवराज पाटिल चाकुरकर का शुक्रवार को 90 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने लातूर स्थित अपने निवास पर अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार थे और पिछले कई वर्षों से सक्रिय राजनीति से दूर थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शिवराज पाटिल को मेहनती, सरल स्वभाव और साफ छवि वाले नेता के रूप में व्यापक सम्मान हासिल था।
शिवराज पाटिल का जन्म 12 अक्टूबर 1935 को लातूर जिले के चाकुर में हुआ था। उस्मानिया विश्वविद्यालय से विज्ञान की पढ़ाई और मुंबई विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्होंने 1967-69 के दौरान लातूर नगरपालिका में अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत की।
वे पहली बार 1980 में लातूर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। इसके बाद 1999 तक लगातार सात बार लोकसभा पहुंचे और कांग्रेस के प्रभावशाली संसदीय नेताओं में शामिल हो गए। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में उन्होंने रक्षा, वाणिज्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स और स्पेस सहित कई महत्वपूर्ण विभागों में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी निभाई।
1991 से 1996 तक वे 10वीं लोकसभा के स्पीकर रहे। उनके कार्यकाल में संसद की कार्यवाही के आधुनिकीकरण, कंप्यूटरीकरण, लाइव प्रसारण और नई लाइब्रेरी बिल्डिंग जैसे कई महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़े। उन्होंने देश-विदेश में विभिन्न संसदीय सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया।
कांग्रेस पार्टी में वे लंबे समय तक नीतिगत जिम्मेदारियों से जुड़े रहे। सोनिया गांधी के नेतृत्व में वे पार्टी की मैनिफेस्टो कमेटी के चेयरमैन भी रहे।
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2004 में लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद उन्हें केंद्र में गृह मंत्री बनाया गया। उनके कार्यकाल के दौरान 26/11 मुंबई आतंकी हमले हुए, जिनकी सुरक्षा चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने 30 नवंबर 2008 को पद छोड़ दिया।
बाद में 2010 से 2015 तक उन्होंने पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक के रूप में कार्य किया। उत्कृष्ट संसदीय कार्य के लिए भारत में आउटस्टैंडिंग पार्लियामेंटेरियन अवॉर्ड की शुरुआत का श्रेय भी उन्हें दिया जाता है।






