
कॉन्सेप्ट फोटो (डिजाइन)
Year Ender 2025: साल 2025 तेजी से रुखसत हो रहा है। अब तो एक पखवाड़े से भी कम का समय बचा है। हर साल की तरह यह साल भी तमाम राजनैतिक घटनाओं से भरा रहा है। हर साल की तरह यह साल भी किसी के लिए अच्छा तो किसी के लिए बुरा साबित हुआ। किसी-किसी के लिए तो अच्छा और बुरा दोनों ही रहा।
इस आर्टिकल में हम बात करने जा रहे हैं उन पांच नेताओं के जिन्हें साल 2025 में जेल की हवा खानी पड़ी। 2025 उनके लिए बुरे स्वप्न की तरह रहा। हालांकि इस फेहरिस्त में एक नाम ऐसा भी है जिसे जेल से रिहाई भी मिली लेकिन उसके कुछ ही दिन बाद फिर से सलाखों के पीछे भेज दिया गया।
मोकामा से बाहुबली विधायक अनंत सिंह को बिहार में हुए हालिया विधानसभा चुनाव के दौरान जेल जाना पड़ा। चुनाव प्रचार के वक्त जन सुराज प्रत्याशी पियूष प्रियदर्शी और अनंत सिंह के समर्थकों के बीच झड़प हो गई। इस झड़प में आरजेडी नेता और प्रियदर्शी समर्थक दुलारचंद यादव की मौत हो गई। आरोप लगा कि अनंत सिंह ने उनकी हत्या की है। जिसके बाद अनंत सिंह ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान लगभग 23 महीने तक सीतापुर जेल में रहे। उन्हें अक्टूबर 2023 में दर्ज मामलों में सलाखों के पीछे रखा गया था। 18 सितंबर 2025 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उन्हें इन मामलों में कोर्ट से बरी कर दिया गया। वो जेल से बाहर आ गए। लेकिन उसके कुछ ही दिन बाद दो पैनकार्ड के मामले में एक बार फिर से उन्हें सजा हो गई और जेल भेज दिया गया।
आजम खान (सोर्स- सोशल मीडिया)
जम्मू कश्मीर के डोडा से आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक को 8 सितंबर को पीएसए के तहत हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया। PSA एक प्रशासनिक कानून है जो कुछ मामलों में बिना किसी आरोप या मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है। यह वजह है कि मेहराज अब तक कठुआ जेल में बंद हैं।
इस साल की शुरुआत में ही सीतापुर से कांग्रेस सांसद राकेश राठौर को दुष्कर्म के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि उन्हें लंबे वक्त तक जेल की सलाखों के पीछे नहीं रहना पड़ा। 11 मार्च को कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। जिसके दो दिन बाद वह जेल से बाहर आ गए थे।
यूपी में बिजनौर जिले की नगीना सीट से सपा विधायक मनोज पारस भी साल 2025 में जेल की हवा खाने वालों में से एक हैं। साल 2020 में जानलेवा हमले के आरोप में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। 10 सिंतबर को MP-MLA कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।






