संसद की सुरक्षा में चूक (फोटो-सोशल मीडिया)
नई दिल्लीः संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले 2 आरोपियों को जमानत मिल गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने नीलम आजाद और महेश कुमावत को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी है। हालांकि दिल्ली पुलिस नीलम और महेश की जमानत का विरोध कर रही थी, लेकिन कोर्ट ने दोनों की जमानत अर्जी मंजूर कर ली।
यह मामला 2023 में संसद की सुरक्षा चक्र को तोड़ने से जुड़ा हुआ है। 13 दिसंबर को संसद की कार्यवाही के दौरान निचले सदन यानी लोकसभा के दर्शक दीर्घा से एक युवक हॉल में कूद गया था। उसने संसद के अंदर पीले रंग का धुंआ छोड़ा था। इस दौरान संसद में बेहद अफरा-अफरा तफरी का माहौल बन गया था। खास बात यह है कि इससे पहले इसी दिन संसद पर 2001 में हमला हुआ था। हालांकि आरोपियों को तत्काल आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। अब इसी मामले में दोनों को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिली है।
निचली अदालत ने खारिज कर दी थीं जमानत याचिका
महेश कुमावत और नीलम आजाद ने इससे पहले निचली अदालत में जमानत की अर्जी दी थी, लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद जमानत के लिए दोनों आरोपियों ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट में 21 मई तक मामले पर सुनवाई हुई थी और कोर्ट फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं दिल्ली पुलिस ने जमानत के खिलाफ कई दलीलें दी थीं। पुलिस ने कहा कि आरोपियों का इरादा 2001 में संसद पर हमले की भयावह यादों को ताजा करना था। इसलिए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखना चाहिए। इसके बावजूद भी दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों आरोपियों को कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी।
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जमानत के साथ लगाईं शर्तें
दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत की शर्तों में कहा कि नीलम आजाद और महेश कुमावत मीडिया से बात नहीं करेंगे। इसके साथ ही वे सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट भी नहीं करेंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र छोड़ने की इजाजत नहीं है। दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने दोनों को 50,000 रुपये के निजी मुचलका भरना पर जमानत दी है।