(डिज़ाइन फोटो) जगदीश टाइटलर
नई दिल्ली: साल 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में तीन लोगों की हत्या के मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के विरुद्ध आज सुनवाई होनी है। जानकारी हो कि इससे पहले बीते 19 जुलाई को टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
वहीं फिर 30 अगस्त को अदालत ने CBI को 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा जगदीश टाइटलर के खिलाफ हत्या, दंगा, हत्या के लिए उकसाने इत्यादि आरोप में मुकदमा चलाने के पर्याप्त साक्ष्य मौजुद हैं।
इसके तहत राउज एवन्यू की विशेष अदालत जस्टीस राकेश स्याल ने टाइटलर को IPC की धारा 143 (अवैध रूप से एकत्र होना), 147 (दंगा करना), 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत रूप से जारी आदेश की अवज्ञा करना), 295 (पूजा स्थल को नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना), 436 (घर को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ से उत्पात मचाना), 451 (घर में घुसना), 380 (घर में चोरी करना), 149 (साझा उद्देश्य), 302 (हत्या) और 109 (उकसाना) के तहत आरोप तय करने का निर्देश दिया है। इस बाबत आज टाइटलर को अदालत में शारीरिक रूप से उपस्थित होना होगा।
दरअसल CBI ने एक गवाह के हवाले से आरोप पत्र में यह आरोप लगाया था कि टाइटलर एक नवंबर 1984 को गुरुद्वारा पुल बंगश के सामने एक सफेद एम्बेसडर कार से बाहर निकले थे और भीड़ को सिखों को मारने के लिए भी उकसाया था। यह भी आरेप लगा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री टाइटलर ने भीड़ से कहा था कि सिखों को मार डालो, उन्होंने हमारी मां को मार डाला है। टाइटलर के कारण ही तीन लोगों की हत्या हुई थी।
जानकारी दें कि अदालत ने कांग्रेस नेता टाइटलर को पेश होने का निर्देश देते हुए सुनवाई आज यानी 13 सितंबर को तय की थी। हालांकि अदालत ने कुछ समय पहले ही टाइटलर को धारा 148 (घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करना) के तहत आरोप मुक्त कर दिया था।
बता दें कि यह मामला बादल सिंह, सरदार ठाकुर सिंह और गुरबचन सिंह की जलाकर हत्या और 1 नवंबर, 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के एक दिन बाद पुल बंगश गुरुद्वारा में आग लगाने से संबंधित रहा है। दिल्ली पुलिस ने केस बाबत उसी दिन मामला दर्ज किया था। हालांकि पिछले साल अगस्त 2023 में एक सत्र अदालत ने मामले में टाइटलर को अग्रिम जमानत दे दी थी। अदालत ने उन्हें तब 1 लाख के निजी मुचलके और उसी राशि की जमानत भी दी थी।