फाइल फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के छात्रवृत्ति घोटाले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। हिमाचल प्रदेश में पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले के मामले में ED ने 18 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां अस्थायी रूप से अटैच कर दी है। यह कार्रवाई 20 फरवरी 2025 को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को कहा कि उसने हिमाचल प्रदेश में कथित छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़े मामले में एक शैक्षणिक संस्थान और उसके प्रवर्तकों की 18.27 करोड़ रुपये की भूमि और फ्लैट कुर्क किए हैं। यह कार्रवाई मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट के खिलाफ की गई है। यह ट्रस्ट सिरमौर जिले के काला अंब में ‘हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशंस’ का संचालन करता है। संस्थान के ट्रस्टियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।
सीबीआई ने इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें शिमला में तैनात ईडी का एक अधिकारी और उसके विभाग का एक पुलिस उपाधीक्षक (DSP) शामिल है। ईडी ने भी इस मामले की जांच के तहत अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है। ईडी द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया के लिए संस्थान या उसके प्रमोटरों से तुरंत संपर्क नहीं हो सका।
धन शोधन का यह मामला हिमाचल प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा राज्य के ओबीसी, एससी और एसटी छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रवृत्ति के वितरण में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए दर्ज की गई सीबीआई की प्राथमिकी से संबंधित है।
संघीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट के नाम पर सिरमौर जिले के नाहन में पंजीकृत लगभग 125 बीघा के तीन भूखंडों और मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट की ट्रस्टियों प्रीति बंसल व ऋचा बंसल के नाम पर हरियाणा के पंचकूला में पंजीकृत दो फ्लैट को अस्थायी रूप से कुर्क करने का आदेश जारी किया गया था।