हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बादल फटने से भीषण तबाही, फोटो- सोशल मीडिया
Cloudburst in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बादल फटने की वजह से देर रात भारी तबाही मच गई। किन्नौर के निचार उपमंडल के थाच गांव में बुधवार रात करीब 12:10 बजे अचानक तीन नालों का जलस्तर बढ़ गया, जिससे गांव के खेत, बगीचे और घर बुरी तरह प्रभावित हुए। लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकले और जंगलों में जाकर जान बचाई।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, बाढ़ इतनी तेज थी कि कई लोग घर छोड़कर भाग गए और पूरी रात बाहर रहे। इस आपदा में दो वाहन बह गए हैं, जबकि कई घरों को नुकसान पहुंचा है। मस्तान गांव में एक पशुशाला और कुछ मकान आंशिक रूप से ढह गए हैं। वहीं, कुछ मकान अब भी गिरने की कगार पर हैं।
राज्य की राजधानी शिमला भी भारी बारिश और भूस्खलन की चपेट में है। एडवर्ड स्कूल के पास हुए भूस्खलन के चलते सर्कुलर रोड को बंद करना पड़ा है, जिससे शहर में यातायात बाधित हो गया है। वहीं, कुमासरन के करेवाथी क्षेत्र में एक तीन मंजिला इमारत गिर गई है, जिससे राज्य में बारिश के व्यापक प्रभाव को लेकर चिंता बढ़ गई है।
हिमाचल में इस मानसून सीजन के दौरान अब तक 424 लोगों की जान जा चुकी है। राज्य भर में लगातार हो रही बारिश के कारण सड़कें, पुल और जरूरी सेवाएं जैसे बिजली और पानी भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। अभी भी करीब 650 सड़कें बंद हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं।
17 सितंबर को भी राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण चार लोगों की मौत हुई थी, जबकि छह लोग लापता हैं। वहीं, 16 सितंबर को मंडी जिले के धर्मपुर में बादल फटने की एक और घटना में कई बसें और वाहन बह गए थे। सोन नाला के उफान पर आने से पूरा इलाका जलमग्न हो गया था।
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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश को आपदा प्रभावित राज्य घोषित कर दिया है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में राज्य को 20,000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। सरकार ने केंद्र से तत्काल राहत और वित्तीय सहायता की मांग की है ताकि प्रभावित इलाकों में पुनर्वास कार्य तेज़ी से किया जा सके।