
सिद्धासन (सौ.सोशल मीडिया)
Benefits of Siddhasana: आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत का ख्याल रख पाना आसान नहीं होता है कई तरह के तनाव और अवसाद की समस्या बढ़ जाती है। इन समस्याओं से निपटने के लिए आपको हेल्दी डाइट और योगासन को संतुलित करना जरूरी होता है। हम अक्सर इस पर तब तक ध्यान नहीं देते, जब तक कोई स्वस्थ्य समस्या घेर नहीं लेती। ऐसे में सिद्धासन एक ऐसा योगासन है, जो मन शांत और एकाग्रता बढ़ाता है। आज हम आपको सिद्धासन योग करने के फायदों के बारे में बता रहे है।
यहां पर बात करें तो, सिद्धासन योग, योग विज्ञान का सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन ध्यान में से एक माना जाता है। इसे विस्तृत रूप से कहें तो, सिद्धासन यानि ‘सिद्ध’ का अर्थ है ‘पूर्ण’ या ‘ज्ञानी’। यह एक ऐसी योग मुद्रा है जिसमें पैर की एड़ी को पेरिनियम और दूसरे पैर की एड़ी को जननांग के ऊपर रखकर रीढ़ सीधे रखते हुए ध्यान केंद्रित किया जाता है। वहीं पर अगर आयुष मंत्रालय के अनुसार कहा गया है कि, सिद्धासन योगासन वह यौगिक प्रक्रिया है जो इसमें चित्त यानि मन शांत रहता है वहीं पर जिससे शरीर की ऊर्जा (प्राण) को ऊपर की ओर निर्देशित करता है।
यहां पर सिद्धासन योग करने का तरीका बेहद आसान होता है। इसे नियमित रूप से करने से फायदे मिलते है। इसके लिए आप योगा मैट पर दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब बाएं पैर को घुटने से मोड़कर एड़ी को पेरिनियम के बीच पर मजबूती से रखें। इसके बाद दाएं पैर को मोड़ें और इसकी एड़ी को बाएं पैर की एड़ी के ठीक ऊपर रखें। दाएं पैर की उंगलियों को बाएं पैर की जांघ और पिंडली के बीच के जोड़ में फंसा दें। अब रीढ़ की हड्डी, गर्दन और सिर को बिल्कुल सीधा रखें और अपनी आंखें बंद करके ध्यान केंद्रित करें।
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यहां पर सिद्धासन करने के फायदे बहुत सारे होते है। इसे रोजाना करने से पाचन और कई तरह के शारीरिक व मानसिक रोग जैसे दमा और मधुमेह में लाभ मिलता है। इसके साथ ही इस आसन को नियमित करने से कूल्हों, घुटनों और टखनों की स्ट्रेचिंग हो जाती है। वहीं पर सिद्धासन अगर आप नीचे बैठकर नहीं कर पा रहे है तो, कुर्सी का सहारा ले सकते है। यहां पर ऐसा होता है कि, गहरी सांस लेते समय या प्राणायाम के समय उच्च रक्तचाप वाले व्यक्ति को सावधानी बरतना जरूरी है।
आईएएनएस के अनुसार






