
सर्दियों में अस्थमा से बचाव ( सौ.सोशल मीडिया)
Ayurvedic Herbs For Asthma: सर्दियों का सीजन चल रहा है। इस मौसम में सर्दी-जुकाम जैसी आम स्वास्थ्य समस्याओं के साथ ही अस्थमा जैसी सांस से जुड़ी बीमारियां भी खड़ी होने लगती है। अस्थमा मरीजों के लिए ठंड का तापमान सहन कर पाना आसान नहीं होता है। प्रदूषण और कमजोर इम्यूनिटी के कारण इन लोगों को सांस लेन में दिक्कत होती है जिसके लिए हर वक्त इनहेलर लिए रहते है। सर्दियों में भी अस्थमा मरीजों को दवाईयों का सहारा ही लेना पड़ता है लेकिन आयुर्वेद में कुछ नुस्खे है जो सरल तरीके से इस सांस की बीमारी को निजात दिलाती है।
यहां पर स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कहा गया है कि, अस्थमा से डरने की नहीं, लड़ने की जरूरत है। आयुर्वेद की मदद से अस्थमा को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है और पूरी सर्दी बिना दिक्कत के गुजारी जा सकती है।
यहां अस्थमा की बीमारी को आयुर्वेद में ‘तमक श्वास’ के रूप में माना गया है। इस समस्या के पनपने का कारण सर्दियों में तापमान का ज्यादा ठंडा होना होता है। अस्थमा का खतरा जब होता है तब शरीर में कफ और वात दोष का संतुलन बिगड़ जाता है। अस्थमा के कई प्रमुख लक्षण होते है जिसमें मुख्य लक्षण में सांस लेते वक्त घरघराहट, सांस फूलना, सीने में जकड़न और रात में खांसी का बढ़ना हैं। इन लक्षणों को बढ़ाने के लिए कमजोर पाचन तंत्र, शरीर में जमा विषाक्त पदार्थ (आम), ठंडा-नम मौसम, गलत खान-पान और मानसिक तनाव जैसे कारक जिम्मेदार होते है।
आयुर्वेद के अनुसार कहा गया है कि, अस्थमा की बीमारी से घबराने की आवश्यकता नहीं है इसे सही इलाज और थोड़े से बदलाव के साथ काबू में लाया जा सकता है। यहां पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुर्वेद के कई उपाय बताए है।
आईएएनएस के अनुसार






