आर्थराइटिस डे पर जानिए पॉश्चर सुधारने के उपाय (सौ. सोशल मीडिया)
World Arthritis Day 2025: हर किसी की जीवनशैली अब अनियमित होते जा रही है। जहां पर आठ घंटे की जॉब के साथ बिना फिजिकल एक्टिविटी और गलत खानपान हर किसी के जीवन का हिस्सा होता जा रहा है। डेस्क जॉब में एक तरह बैठकर काम करना भले ही आपके काम के टारगेट को सही समय पर पूरा करता हो लेकिन यह शरीर पर बुरा असर डालता है। डेस्क पर बैठने के तरीके की वजह से हमारे शरीर का पॉश्चर खराब हो जाता है। लंबे समय तक डेस्क पर काम और फोन की स्क्रीन देखने की वजह से शरीर का वजन और गुरुत्वाकर्षण जोड़ों पर असमान रूप से दबाव डालता है।
यह अतिरिक्त दबाव घुटनों, कूल्हों और रीढ़ की हड्डी के कार्टिलेज को समय से पहले प्रभावित करने लगता है। इस वजह से आर्थराइटिस की समस्या होती है। इसके प्रति जागरूक करने के लिए आज 12 अक्टूबर को आर्थराइटिस डे मनाया जा रहा है।
डेस्क पर काम करने के दौरान गलत पॉश्चर की स्थिति बनती है। इस प्रकार की स्थिति मांसपेशियों को भी कमजोर कर देता है, जो जोड़ों को सहारा देती हैं। लंबे समय तक बना रहने वाला यह असंतुलन पूरे स्वास्थ्य को प्रभावित करने का काम करता है। इस तरह से एक गलत पॉश्चर में रहने से लोगों में जोड़ों का दर्द यानी आर्थराइटिस की समस्या शुरू हो जाती है। इसलिए ये बहुत जरूरी है कि खुद को सही पॉश्चर में रखकर जोड़ों की समस्या की समस्या से दूर रहा जा सके। कहते है कि, गलत तरीके से बैठने या खड़े होने पर जोड़ों पर ओवरलोडिंग होती है। अगर आप आगे की ओर झुककर बैठते है तो रीढ़ और कूल्हों पर सामान्य से कहीं ज्यादा दबाव पड़ता है। यह अतिरिक्त तनाव धीरे-धीरे कार्टिलेज को खत्म कर देता है और जोड़ों में सूजन पैदा करता है, जो सीधे गठिया के दर्द को जन्म देता है।
आप अगर डेस्क जॉब करते है तो आपके लिए सही पॉश्चर के बारे में बताया गया है। सही पॉश्चर वह है जिसमें आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी रहे और कान, कंधे, और कूल्हे एक सीध में होते है। इस तरह का पॉश्चर कहता है कि, शरीर का वजन जोड़ों पर समान रूप से वितरित हो। सही पॉश्चर अपनाने से न केवल जोड़ों का तनाव कम होता है, बल्कि रक्त संचार बेहतर होता है और मांसपेशियां मजबूत बनी रहती हैं।
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डेस्क जॉब करने के दौरान आपको बिगड़े पॉश्चर को सुधारने के लिए यह उपाय करना चाहिए। अपनी कुर्सी को इस तरह से एडजस्ट करें कि आपके पैर जमीन पर सपाट रहें और घुटने कूल्हों के स्तर पर हों। मॉनिटर आपकी आंखों के लेवल पर होना चाहिए ताकि गर्दन न झुके। इसके बाद हर 30 मिनट में उठकर टहलना और स्ट्रेचिंग करना जोड़ों को जाम होने से बचाएगा।