
भूनमनासन (सौ.सोशल मीडिया)
Bhunamanasana Benefits: आजकल हर किसी की जीवनशैली अनियमित सी हो गई है जहां पर ऑफिस में घंटों 8 घंटे से ज्यादा बैठने से पोस्चर बिगड़ जाता है। इस पोस्चर के बिगड़ने से कमर दर्द के साथ रीढ़ की हड्डी में भी दर्द की शिकायत रहती है। कई बार एक ही पोजिशन में बैठने से शरीर के कई अंग कमजोर हो जाते है। यह रीढ़ से लेकर कमर दर्द की समस्या खड़ी करते है। इन समस्याओं के लिए आज हम आपको भूनमनासन के फायदों के बारे में बता रहे है जिसे करने से राहत मिलती है।
यहां पर भूनमनासन एक कारगर आसन है, जिसके अभ्यास से एक-दो नहीं बल्कि कई समस्याओं की छुट्टी की जा सकती है। मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा ने भी भूनमनासन को शरीर के लिए बेहद फायदेमंद आसन बताया है। इसके नियमित अभ्यास से शरीर के अंगों को ताकत और लचीलापन मिलता है, जिससे पूरा शरीर स्वस्थ और चुस्त रहता है।योग एक्सपर्ट बताते हैं कि भूनमनासन (जिसे अर्ध शलभासन भी कहा जाता है) खास तौर पर कमर, पीठ और पेट के लिए रामबाण है।
इस आसन को हम रोजाना अपने रूटीन में शामिल कर सकते है। इस आसन में पेट के बल लेटकर एक पैर को ऊपर उठाया जाता है, जिससे रीढ़ की हड्डी मजबूत और लचीली बनती है, कमर दर्द और स्लिप डिस्क जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। इसके अलावा कूल्हों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और हिप जॉइंट से संबंधित समस्याएं दूर होती हैं। यह आमतौर पर पेट की मांसपेशियों को टोन करने का काम करते है। इसके अलावा यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है, जिससे कब्ज, गैस और अपच जैसी पाचन संबंधी समस्याओं में आराम मिलता है। यह आसन पेट के अंदरूनी अंगों की मालिश करता है।
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इस भूनमनासन को नियमित रूप से करने से पैरों, कंधों और हाथों की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है। पूरे शरीर में रक्त परिसंचरण बेहतर होता है, जिससे थकान दूर होती है और शरीर की एनर्जी बढ़ती है। इसके अलावा इस आसन को खासकर उन लोगों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। जो घंटों कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं। प्रतिदिन 1 से 2 मिनट तक दोनों पैर बारी-बारी से उठाने का अभ्यास रोज करें तो फर्क साफ दिखता है। यह आसान और सुरक्षित आसन है। सुबह खाली पेट या शाम को हल्के पेट इसका अभ्यास करना सबसे अच्छा रहता है। हालांकि, कमर में चोट या कोई गंभीर समस्या है तो पहले योग प्रशिक्षक या डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
आईएएनएस के अनुसार






