हेल्थ टिप्स (सौ.सोशल मीडिया)
Monsoon diet for heart patients: मानसून का मौसम जहां एक ओर ठंडी हवाओं और बरसात की रिमझिम से सुकून देता है, वहीं दूसरी ओर यह बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देता है। खासतौर पर हार्ट और किडनी से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को इस मौसम में सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
आपको बता दें, नमी, संक्रमण और खानपान में की गई मामूली गलती हार्ट और किडनी मरीजों के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। ऐसे में आइए जानते हैं मानसून के दौरान क्या खाएं और क्या नहीं, इस पर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है।
डॉक्टरों के अनुसार, हार्ट और किडनी के मरीजों को इस मौसम में नमक का सेवन बहुत सीमित रखना चाहिए। अधिक नमक शरीर में पानी रोकता है, जिससे सूजन, हाई ब्लड प्रेशर और सांस की दिक्कत हो सकती है। यह किडनी को और ज़्यादा थका देता है और हार्ट पर प्रेशर बढ़ाता है।
डॉ. अजीत जैन के अनुसार, मानसून के आते ही लोगों की प्लेट में पकौड़े, समोसे और तली हुई चीज़ें बढ़ जाती है। लेकिन डीप फ्राइड और स्ट्रीट फूड हार्ट और किडनी मरीजों के लिए जहर के समान हो सकते है। इनमें मौजूद ट्रांस फैट और अतिरिक्त नमक शरीर में सूजन और कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं। बाहर का खाना संक्रमण का खतरा भी बढ़ाता है।
आपको बता दें, हार्ट और किडनी मरीजों के लिए प्रोसेस्ड फूड का सेवन भी नुकसानदायक होता हैं। प्रोसेस्ड फूड के अंतर्गत जैसे चिप्स, नूडल्स, सॉसेज या डिब्बाबंद चीज़ें सोडियम और प्रिजर्वेटिव से भरपूर होती हैं।
ये फूड्स किडनी की फिल्टर करने की क्षमता को कमजोर करते हैं और हार्ट को नुकसान पहुंचा सकते हैं। मॉनसून में पाचन भी कमजोर होता है, इसलिए इसका सेवनक रने से बचना चाहिए।
हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते है कि, बारिश में खुले में कटा हुआ फल या सब्ज़ी खाना भी हार्ट और किडनी की मरीजों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इनसे फूड पॉइजनिंग या इंफेक्शन का खतरा रहता है, जो हार्ट और किडनी की मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि उनकी इम्यूनिटी पहले से ही कमजोर होती है।
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कई बार लोग सोचते हैं कि फल खाना हेल्दी होता है, लेकिन कुछ फल जैसे तरबूज, खरबूजा, और नारियल पानी में फ्लूइड कंटेंट ज़्यादा होता है। किडनी मरीजों को डॉक्टर के निर्देश अनुसार सेवन करना चाहिए। वरना शरीर में पानी जमा हो सकता है जो सूजन या सांस फूलने जैसी स्थिति को जन्म देता है।