केले के पत्ते के फायदे (सौ.सोशल मीडिया)
स्टील और प्लास्टिक की थालियां आजकल शादी औऱ पार्टियों में देखने के लिए मिलती हैं जो सेहत के लिए बेहद नुकसान पहुंचाने का काम करती हैं। संस्कृति के मामले में साउथ में ज्यादातर घरों में केले के पत्तों पर ही खाना परोसा जाता है। इन पत्तों को पवित्र और शुद्ध माना जाता है और इसी वजह से ज्यादातर देवताओं को केले के पत्तों में ही परोसा जाता है।
भारत में अलग अलग राज्यों में अलग अलग रीति-रिवाज एवं परंपराएं है। जैसे किसी राज्य में कुछ खाते हैं, तो किसी राज्य में अलग डिश खाते हैं। ऐसे में दक्षिण भारत में आप जैसे ही प्रवेश करेंगे ना केवल भोजन के व्यंजन बदल जाएंगे बल्कि थाली भी बदल जाएगी। इन दिनों तो स्टील की थाली के अंदर केले का पत्ता रखकर उस पर भोजन दिया जाता है। केले के पत्तों का इस्तेमाल सदियों से थाली में परोसने के लिए किया जाता रहा है। खासकर दक्षिण भारत में।
जानकारों का मानना है कि, इन पत्तों को पवित्र और शुद्ध माना जाता है और यही वजह है कि ज्यादातर देवताओं को केले के पत्तों में प्रसाद परोसा जाता है। दक्षिण भारत में लोग आज भी खास मौकों और त्योहारों पर अपने मेहमानों को केले के पत्ते पर खाना परोसते हैं। सवाल यह है कि दक्षिण भारत में ऐसा क्यों किया जाता है।
क्या वहां केले के पेड़ अधिक होते हैं इसलिए या फिर इसके पीछे कोई साइंटिफिक लॉजिक छुपा हुआ है। ऐसे में आइए पता लगाते हैं-
1- एक्सपर्ट्स के अनुसार, केले के पत्तों पर गर्म खाना दिया जाता है। जिससे पत्तों में मौजूद पोषक तत्व खाने में आ जाते हैं। केले में मौजूद तत्व हेल्थ के लिए काफी लाभदायक होते हैं। रोजाना केले के पत्ते पर खाना खाने से फोड़े- फुंसियों की बीमारी से बचाव होता है।
2- साथ ही इससे पेट से जुड़ी बीमारियां जैसे कब्ज, अपच, गैस की समस्याएं भी दूर होती है। अगर आप कब्ज, अपच, गैस आदि की समस्याओं से परेशान है तो आपको केले के पत्तों पर जरूर खाना खाना चाहिए।
3-प्लास्टिक से बने बर्तनों में रखा खाना हमारी हेल्थ के लिए ठीक नहीं रहता है। वहीं, वैसे बर्तनों में खाना खाने के बाद सफाई के लिए साबुन-सर्फ जैसे केमिकल का उपयोग किया जाता है, जो कि हमारी बॉडी के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
4-हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि, केला के पत्तों में बड़ी मात्रा में पॉलीफेनोल होते हैं, जो प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट हैं। केले के पत्तों पर परोसा गया भोजन पॉलीफेनोल्स को अवशोषित करता है जो कि जीवनशैली से जुड़ी कई बीमारियों को रोकने के लिए जाना जाता है। उन्हें एंटी-बैक्टीरियल गुण भी कहा जाता है जो संभवतः भोजन में कीटाणुओं को मार सकते हैं।
5- आपको बता दें, इसके साथ ही इसकी जो प्राइस यानी कीमत है वो बाकि सर्विंग प्लेट से बहुत ही कम होती हैं। वहीं अलग अलग जगह पर इसका प्राइस कम होता हैं। इसके अलावा, इसके पत्ते वाटरप्रूफ होते हैं। जिस वजह से इसमें सब्जी फैलती नहीं है।
6- इन पत्तियों का बाहरी भाग मोम जैसा होता है और इसलिए इन्हें साफ करना बेहद आसान भी होता है क्योंकि इन पर धूल नहीं चिपकती। बस इन्हें धो लें और खाने के लिए इस्तेमाल करें। यही कारण है कि, दक्षिण भारत में रेस्टोरेंट भी खाना परोसने के लिए केले के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है।