वृक्षासन (सौ. सोशल मीडिया)
Vrikshasana Benefits: आजकल कई लोगों के पैर और घुटने बिना किसी चोट के कमजोर होने लगते हैं। घुटनों में दर्द, बैलेंस की कमी और थकान जैसी समस्या चुपचाप बढ़ती जाती है। लेकिन इसकी असली वजह हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। अगर आपको भी इस तरह की समस्या रहती है तो एक योगासन शरीर के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इस योगासन को सही तरीके से करने पर काफी फायदा मिलता है।
वृक्ष शब्द का अर्थ है पेड़। इस आसन के अभ्यास की अंतिम अवस्था में शारीरिक स्थिति एक वृक्ष के आकार के समान होती है। इसलिए इसे वृक्षासन कहा जाता है। इसके अलावा इस आसन के नियमित अभ्यास से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में काफी सुधार होता है। यह योग रक्त परिसंचरण को बेहतर करता है और पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है।
यह आसन उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो मानसिक तनाव, ध्यान में कमी और शारीरिक अस्थिरता से जूझ रहे हैं।
आयुष मंत्रालय के अनुसार वृक्षासन एक संतुलनकारी योगासन है जो शरीर की स्थिरता मानसिक एकाग्रता और शारीरिक मजबूती देता है। यह पैरों, घुटनों और रीढ़ को मजबूत करता है और तनाव कम करता है।
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वृक्षासन के शुरुआत में संतुलन बनाने में दिक्कत हो सकती है। इसलिए इसको करने के लिए पहले दीवार का सहारा ले सकते हैं। इसको करने के लिए योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दाहिने घुटने को मोड़कर दाएं पैर को बाईं जांघ पर रखें और बाएं पैर को सीधा रखते हुए शरीर का संतुलन बनाएं। हाथों को सिर के ऊपर उठाएं और हथेलियों को एक साथ मिलाकर नमस्ते मुद्रा में लाएं। कुछ समय तक इस अवस्था में रहें। फिर, अपनी क्षमता के अनुसार सामान्य स्थिति में आ जाएं।
यह योगासन शुरुआती करने में संतुलन बनाने में दिक्कत आ सकती है लेकिन रोज करने से संतुलन बनने लगेगा। शुरुआत में इसे अपनी क्षमता के अनुसार 15-30 तक करें। फिर धीरे-धीरे जब संतुलन बनने लगे तो इसे 1 मिनट भी कर सकते हैं। इस दौरान गहरी और स्थिर सांस लें। यह एकाग्रता और स्थिरता में मदद करता है।
अगर आपको शरीर में किसी प्रकार की समस्या है तो इस आसन करने से पहले डॉक्टर की परामर्श जरूर लें।