
डॉ. पॉल व लिवर का सांकेतिक चित्र (सोर्स- सोशल मीडिया)
Liver Health: बहुत से लोग सोचते हैं कि लिवर डैमेज सिर्फ़ शराब पीने वालों की प्रॉब्लम है। जो ज्यादा शराब का सेवन करते हैं उन्हीं को लिवर डैमेज का खतरा रहता है। लेकिन ऐसा नहीं है। डॉक्टर कहते हैं कि असली खतरा हमारी रोज़ाना की छोटी-छोटी आदतों में है, जिन्हें जल्दी पहचानना बहुत ज़रूरी है।
असल में लिवर डैमेज के शुरुआती लक्षण अक्सर नज़र नहीं आते। जब तक उनका पता चलता है, उससे पहले ही लिवर बुरी तरह डैमेज हो चुका होता है। US के डॉक्टर और गट हेल्थ स्पेशलिस्ट डॉ. पाल ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर पोस्ट करके लिवर के बारे में सबसे बड़े मिथकों में से एक को गलत बताया।
डॉ. पाल कहते हैं कि आजकल लिवर इंजरी के जो ज़्यादातर मामले वे देखते हैं उनका शराब से कोई लेना-देना नहीं होता। इसलिए इस गलतफहमी में न रहें कि अगर आप शराब नहीं पीते हैं तो आपका लिवर ठीक है। क्योंकि ये ग़लतफहमी आपको बड़ी मुसीबत में डाल सकती है।
डॉ. पाल के मुताबिक, लिवर डैमेज छोटी-छोटी, रोज़ाना की आदतों में छिपा होता है, जिनके बारे में हम शायद सोचते भी नहीं हैं। जैसे कि ज़्यादा चीनी वाला हेल्दी खाना खाना, दिन भर में बार-बार स्नैकिंग करना, जिससे इंसुलिन लेवल लगातार ज़्यादा रहता है, ठीक से नींद न लेना और लगातार स्ट्रेस में रहना। यह सब धीरे-धीरे लिवर पर असर डालता है, जिससे वह ठीक से काम नहीं कर पाता।
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डॉ. पाल कहते हैं कि अगर आपका डाइजेशन ठीक से काम नहीं कर रहा है और आपका गट स्लो हो जाता है, तो टॉक्सिन्स ब्लडस्ट्रीम में जाने लगते हैं। इससे लिवर को ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है। नतीजतन कुछ समय बाद यह ठीक से काम नहीं कर पाता। जिसके चलते गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।
डॉ. पाल कहते हैं कि अच्छी खबर यह है कि लिवर ठीक हो सकता है। बस आपको अपनी लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करने की ज़रूरत है। उनका कहना है कि जब गट हेल्थ बेहतर होती है, खाने की आदतें सही होती हैं और नींद पूरी होती है, तो लिवर खुद को ठीक करना शुरू कर देता है। सही दिनचर्या और खान-पान ही लिवर की असली दवा है। इसलिए आज से ही ये काम शुरू कर दें।






