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सावधान! मानसिक बीमारियों के लिए AI का सहारा लेना कितना सही? नई रिसर्च ने चौंकाया

AI and Mental Health Risks: तेजी से बढ़ते AI टूल्स अब मेंटल हेल्थ से जुड़ी सलाह देने लगे हैं, लेकिन हालिया रिसर्च के मुताबिक बिना विशेषज्ञ की मदद के AI पर भरोसा करना जोखिम भरा हो सकता है।

  • By प्रीति शर्मा
Updated On: Dec 29, 2025 | 07:43 PM

पटॉप पर AI चैटबॉट से बात करता व्यक्ति (सौ.फ्रीपिक)

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AI Mental Health Risks: एक स्टडी के मुताबिक चैटजीपीटी जैसे एआई चैटबॉट्स मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कलंक (स्टिग्मा) को कम करने में कुछ हद तक मदद कर सकते हैं लेकिन वे पेशेवर चिकित्सा की जगह नहीं ले सकते। शोध से पता चलता है कि एआई चैटबॉट्स उन लोगों के लिए उपयोगी हो सकते हैं जो पारंपरिक फेस-टू-फेस मदद लेने में हिचकिचाते हैं क्योंकि ये गोपनीय और आसानी से उपलब्ध बातचीत प्रदान करते हैं।

एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी की स्टडी

ऑस्ट्रेलिया में एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी (ईसीयू) की टीम ने 73 लोगों का सर्वे किया। ये वो लोग थे जिन्होंने अपनी किसी दुविधा के लिए चैटजीपीटी का इस्तेमाल किया था। टीम ने चैटजीपीटी के इस्तेमाल और स्टिग्मा से जुड़े इसके असर की जांच की।

ईसीयू में मास्टर ऑफ क्लिनिकल साइकोलॉजी के छात्र स्कॉट हन्ना ने कहा कि नतीजों से पता चलता है कि यह टूल असरदार है और बाहरी जजमेंट के बारे में चिंताओं को कम करने में अहम भूमिका निभाता है।

मानसिक स्वास्थ्य्य और स्टिग्मा

मेंटल हेल्थ हेल्प लेने में स्टिग्मा (यहां बदनामी का डर) एक बड़ी रुकावट है। यह लक्षणों को और खराब कर सकता है और लोगों को सपोर्ट लेने से रोक सकता है।

स्टडी में पूर्वाग्रह से होने वाले स्टिग्मा जज किए जाने या भेदभाव किए जाने का डर और नेगेटिव सोच को मन में बिठाने से होने वाले स्टिग्मा पर फोकस किया गया। ये ऐसे स्टिग्मा हैं जिनसे आत्मविश्वास और मदद मांगने की इच्छा कम हो जाती है।

यह भी पढ़ें:- क्या आप भी सर्दियों में टोपी नहीं पहनते? शरीर का तापमान बिगाड़ सकती है कानों से टकराने वाली हवा

निजता का खौफ

जिन लोगों को लगा कि चैटजीपीटी असरदार है उनके इसका इस्तेमाल करने की संभावना ज्यादा थी और उन्हें लोगों द्वारा जज किए जाने का खौफ कम था। जैसे-जैसे एआई टूल ज्यादा आम होते जा रहे हैं लोग अपनी मेंटल हेल्थ की चर्चा के लिए इसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। इसकी एक वजह निजता का बना रहना कही जा सकती है।

उन्होंने आगे कहा कि नतीजों से पता चलता है कि इन मकसदों के लिए डिजाइन न किए जाने के बावजूद, चैटजीपीटी जैसे एआई टूल्स का इस्तेमाल मेंटल हेल्थ के लिए ज्यादा हो रहा है।

सावधान रहने की जरूरत

टीम ने कहा कि एआई से खुलना आसान हो सकता है लेकिन सावधान रहना चाहिए क्योंकि गुमनाम डिजिटल टूल्स में जरूरी नैतिकता का अभाव होता है।

हन्ना ने कहा चैटजीपीटी को इलाज के मकसदों के लिए डिजाइन नहीं किया गया था और हाल की रिसर्च से पता चला है कि इसके जवाब कभी-कभी गलत भी हो सकते हैं। इसलिए हम यूजर्स को एआई-बेस्ड मेंटल हेल्थ टूल्स को जिम्मेदारी से प्रयोग करने की सलाह देते हैं।

Is ai safe for mental health new research warning

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Published On: Dec 29, 2025 | 05:41 PM

Topics:  

  • AI
  • Health News
  • New Research
  • Physical and Mental Health

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