सर्वाइकल बिगाड़ रहा है आपकी पूरी जिंदगी (सौ. सोशल मीडिया)
Cervical Spin Problems: भागदौड़ भरी जिंदगी में सभी की जीवनशैली अनियमित हो गई है। जहां पर आजकल मोबाइल और कंप्यूटर का ज्यादा इस्तेमाल, घंटों एक ही जगह बैठकर काम करना और गलत तरीके से बैठने या सोने की वजह से लोगों में सर्वाइकल की समस्या यानि इसके मामले देखने के लिए ज्यादा मिलते है। इस तरह घंटों एक जगह पर बैठने से रीढ़ की हड्डी से लेकर शरीर के अंगों पर बुरा असर डालता है। आज हम आपको सर्वाइकल की परेशानी से आराम के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपायों के बारे में जानकारी दे रहे है।
यहां पर मेडिकल भाषा में बताया गया है कि, यह सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की स्थिति होती है जिसमें सिर्फ गर्दन का दर्द नहीं होता, बल्कि धीरे-धीरे कंधे, सिर और हाथों तक असर करता है। कई लोगों को चक्कर आना, कानों में आवाज सुनाई देना या आंखों के पीछे दर्द तक होने लगता है। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो डिस्क हर्नियेशन जैसी बड़ी दिक्कत भी हो सकती है। इसके अलावा हमारी रीढ़ की हड्डी में 33 कशेरुकाएं होती हैं, जिनमें से 7 गर्दन में होती हैं। इन्हें सर्वाइकल वर्टिब्रा कहते हैं। जब इन हड्डियों या डिस्क पर ज्यादा दबाव पड़ता है या उनमें विकार आने लगता है, तो यह समस्या शुरू हो जाती है।
इस समस्या के लिए उपचार भी डॉक्टर द्वारा बताए गए है..
1- सर्वाइकल में दर्द और सूजन बनी रहती है इसके लिए आप दर्द निवारक दवाईयां ले सकते है। इसके लिए अपने डॉक्टर्स से सलाह पहले ले लें।
2- सर्वाइकल की समस्या के लिए गर्दन और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने और स्ट्रेच करने के लिए व्यायाम किए जाते हैं।
3- अगर लगातार दर्द हो रहा है तो आप गर्दन पर गर्म या ठंडी सिकाई करें। इसे करने से दर्द में आराम मिल सकता है।
4- आप दर्द को दूर करने के लिए तेल से मालिश कर सकती है। हल्की मालिश से मांसपेशियों के दर्द में आराम मिलता है। इसके लिए आप रहना: नियमित व्यायाम, जैसे टहलना, मददगार होता है, लेकिन गर्दन को झटके से न घुमाएं।
5- अगर बैठने का काम है तो आप सही पोजिशन मे बैठें इससे आपकेगर्दन और रीढ़ पर दबाव कम होता है।
ये भी पढ़ें- अब माउथ स्वैब से टीबी की जांच करना होगा आसान, नई स्टडी में हुआ खुलासा
यहां पर सर्वाइकल की समस्या से जूझ रहे है तो आपको डाइट में बदलाव करना चाहिए। भूलकर भी ऐसी डाइट का सेवन ना करें जो आपके शरीर पर बुरा असर डालती है। हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज, दूध-दही, तिल और कैल्शियम व विटामिन-डी से भरपूर चीजें आहार में शामिल करनी चाहिए। वहीं, तली-भुनी और जंक फूड से दूरी बनाना बेहतर है। दिनभर पर्याप्त पानी पीना और समय पर आराम करना भी जरूरी है।