आयुर्वेद औषधि नारी दमदमी (सौ. सोशल मीडिया)
Benefits of Nari Damdami: आयुर्वेद का स्थान सर्वोपरि है तो इसमें शामिल औषधियां या कहें जड़ी-बूटियों के सेवन से शरीर की कई गंभीर बीमारियां जड़ से खत्म हो जाती है। किसी बीमारी जैसे बुखार, सर्दी-जुकाम के लिए जहां पर हम पैरासिटोमॉल ले लेते है और बीमारी पर तुरंत आराम मिल जाता है। कम लोग लेकिन जानते होंगे कि, आयुर्वेद में एक ऐसी ही आयुर्वेदिक औषधि है -नारी दमदमी।
इसका सेवन करने से बुखार, चिकनगुनिया जैसे तेज बुखार पर आराम मिल जाता है। इस आयुर्वेद औषधि का सेवन करने वाले लोगों को पैरासिटामोल दवाई से भी ज्यादा इस औषधि का सेवन फायदेमंद लगा है।
यहां पर बात करें तो, नारी दमदमी एक तरह की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो गांवों और खेतों के किनारों पर आसानी से मिल जाती है। सेहत के लिए इसका फायदा लेने के लिए आप पारंपरिक तरीका अपना सकते है। इसके लिए 5 ग्राम ताजी जड़ सहित पूरा पौधा लें और उसे थोड़ा कूट लें। अब इसमें 3 काली मिर्च मिलाकर चार कप पानी में डालें और धीमी आंच पर उबालें। जब पानी उबलकर एक कप रह जाए, तब उसे छान लें। यह काढ़ा सुबह खाली पेट पीने से बुखार तेजी से उतरता है और शरीर को ताकत भी मिलती है।
अगर हम इस औषधि का सेवन बुखार में करते है तो फायदा दिलाता है। सात दिन की खुराक आमतौर पर शरीर को पूरी तरह ठीक करने के लिए पर्याप्त मानी जाती है। नारी दमदमी बुखार के साथ आने वाले दर्द, कमजोरी, जोड़ों में सूजन और थकान को भी कम करती है। खासकर चिकनगुनिया जैसे बुखार में, जब जोड़ों में दर्द असहनीय हो जाता है, तब यह जड़ी-बूटी बहुत राहत देती है।इस औषधि को लेते समय एक बात का खास ध्यान रखने की जरूरत है। घी का सेवन अधिक करें। आयुर्वेद के अनुसार नारी दमदमी शरीर में उष्णता (गर्मी) बढ़ाती है, इसलिए घी शरीर के अंदर उस गर्मी को संतुलित करता है और औषधि के असर को सही दिशा में काम करने में मदद करता है। साथ ही घी शरीर की शक्ति और स्निग्धता (लुब्रिकेशन) बनाए रखता है, जिससे बुखार के बाद कमजोरी नहीं होती।
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नारी दमदमी सिर्फ बुखार में ही नहीं, बल्कि शरीर के अंदर जमा विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालती है। यह शरीर को डिटॉक्स करती है, पाचन सुधारती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती है। यही कारण है कि इसे अचूक आयुर्वेदिक औषधि कहा गया है।
हालांकि यह पूरी तरह प्राकृतिक दवा है, फिर भी इसका सेवन बिना किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ या वैद्य की सलाह के नहीं करना चाहिए।
आईएएनएस के अनुसार