राज्य सरकार के मंत्री के बेटे को इस बार तीसरी एफआईआर के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया
गांधीनगर: गुजरात में मनरेगा घोटाले की परतें एक बार फिर खुलती जा रही हैं और एक बार फिर से इसमें चर्चित नाम सामने आया है। राज्य सरकार के मंत्री के बेटे को इस बार तीसरी एफआईआर के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कुछ दिन पहले ही वह एक अन्य मामले में जमानत पर छूटे थे, लेकिन अब नई गिरफ्तारी से घोटाले की गहराई और फर्जीवाड़े की साजिशें उजागर हो रही हैं। आरोप है कि सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर अधूरे कार्यों के बदले करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई।
घोटाले की जांच में यह सामने आया है कि आरोपी की फर्म ने न केवल भानपुर बल्कि दाहोद के अन्य क्षेत्रों में भी फर्जी तरीके से मनरेगा फंड हासिल किए। सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से बिना काम किए जाली दस्तावेजों के माध्यम से भुगतान कराया गया। इससे पहले भी इसी फर्म के खिलाफ दो मामले दर्ज किए जा चुके हैं और अब तीसरी एफआईआर से गिरफ्तारी हुई है।
तीसरी बार दर्ज हुई FIR, गिरफ्तार हुआ मंत्री का बेटा
गुजरात के दाहोद में मनरेगा घोटाले की जांच ने तेजी पकड़ ली है। हाल ही में जमानत पर छूटे एक मंत्री के बेटे को पुलिस ने फिर से गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, उसकी फर्म ने 2022–23 में भानपुर गांव में बिना काम पूरा किए 33.86 लाख रुपये की सरकारी राशि ले ली। यह दाहोद पुलिस द्वारा दर्ज की गई तीसरी एफआईआर है, जो घोटाले के सिलसिले को और गहरा करती है।
फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों की हेराफेरी
जांच में पता चला है कि आरोपी और उसके भाई की फर्मों ने दाहोद के कई गांवों में मनरेगा प्रोजेक्ट्स के नाम पर काम किए बिना जाली दस्तावेज पेश कर भुगतान लिया। लवरिया गांव में भी अधूरे प्रोजेक्ट के बदले 18.41 लाख रुपये का भुगतान लिया गया। पुलिस का मानना है कि कई अन्य एजेंसियां और सरकारी कर्मचारी भी इस घोटाले में शामिल हो सकते हैं। दाहोद ‘बी’ संभाग पुलिस ने 31 मई को बलवंत के खिलाफ ताजा प्राथमिकी दर्ज की। पुलिस उपाधीक्षक जगदीशसिंह भंडारी ने बताया कि बलवंत की फर्म ‘श्री राज कंस्ट्रक्शन कंपनी, पिपेरो’ ने दाहोद के धनपुर तालुका के भानपुर गांव में मनरेगा के तहत काम पूरा किए बिना 2022-23 में सरकार से 33.86 लाख रुपये की राशि प्राप्त की।