शारदा सिन्हा जन्मदिन (फोटो-सोर्स,सोशल मीडिया)
Sharda Sinha Birthday Special: दुनिया में कोकिला के नाम से मशहूर बिहार की सुप्रसिद्ध लोकगायिका शारदा सिन्हा का आज यानी 1 अक्टूबर को जन्मदिन है। उनके गीत बिहार के हर उत्सव और समारोह का हिस्सा रहे हैं। शादी हो या छठ महापर्व, शारदा सिन्हा के गाने उत्सव की खुशियों को दोगुना कर देते हैं। उनकी मधुर और सुरीली आवाज ने हिंदी, भोजपुरी, मैथिली और बज्जिका भाषाओं में कई सदाबहार गीतों को जन्म दिया है। उनके योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित किया गया।
हालांकि, अब सिंगर हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनके जन्मदिन के खास मौके पर हम आपको उनको जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प कहानी के बारे में बताते हैं, तो चलिए जानते हैं…
दरअसल, शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले में हुआ। उनके पिता सुखदेव ठाकुर शिक्षा विभाग में अधिकारी थे। शारदा को बचपन से ही संगीत में गहरी रुचि थी। उनकी लगन देखकर पिता ने उन्हें भारतीय नृत्य कला केंद्र में प्रवेश दिलाया। संगीत की पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने स्नातक की डिग्री भी पूरी की। बाद में उन्होंने राजनीतिशास्त्र के प्राध्यापक डा. बृजकिशोर सिन्हा से विवाह किया।
हालांकि शुरुआती दिनों में उनकी सासू मां उनके गायिकी करियर के खिलाफ थीं और चाहती थीं कि शारदा कहीं गायिकी न करें। लेकिन समय के साथ उनकी सास ने उनकी प्रतिभा को स्वीकार किया। वर्ष 1971 में शारदा सिन्हा के संगीत जीवन में नया मोड़ आया और उनका करियर तेजी से आगे बढ़ा।
शारदा सिन्हा ने हिंदी फिल्मों में भी कम लेकिन यादगार गाने गाए। सलमान खान और भाग्यश्री की फिल्म मैंने प्यार किया का गीत ‘कहे तोसे सजना तोहरी सजनिया’ आज भी दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय है। बताया जाता है कि इस गाने के लिए उन्हें केवल 76 रुपये की फीस मिली थी। इसके अलावा सलमान खान की दूसरी सुपरहिट फिल्म हम आपके हैं कौन का गीत ‘बाबुल जो तूने सिखाया’ भी उनकी मधुर आवाज़ की वजह से आज भी फैंस की जुबां पर है।
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इसके बाद 2012 में रिलीज हुई फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर में उनका गाया ‘तार बिजली से पतले हमारे पिया’ भी दर्शकों का पसंदीदा बना। वेबसीरीज महारानी में उनके गीत ‘निरमोहिया’ ने भी खूब वाहवाही बटोरी थी। आपको बता दें, पिछले शारदा सिन्हा ने छठ महापर्व के पहले दिन दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। लेकिन उनके गीत और आवाज आज भी बिहार और पूरे देश में अमर हैं और उनकी संगीत यात्रा सदैव याद की जाएगी।