मुंबई: अभिनेत्री साई पल्लवी (Actress Sai Pallavi) ने 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के पलायन के बारे में उनके बयानों के वायरल होने और विवाद में आने के बाद एक स्पष्टीकरण जारी किया। अभिनेत्री ने धर्म के नाम पर हो रही हिंसा को लेकर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि जहां पलायन गलत था, वहीं गौरक्षकता भी गलत थी। इससे कई लोगों के बीच ऑनलाइन हंगामा हुआ, जिन्होंने कहा कि वह कश्मीरी पंडित त्रासदी को महत्व नहीं दे रही है।
हो रहे बवाल के बीच साईं पल्लवी ने इंस्टाग्राम पर वीडियो जारी कर कहा ‘यह पहली बार होगा जब मैं अपने दिल की बात कहने से पहले दो बार सोचूंगी क्योंकि मुझे चिंता है कि मेरे शब्दों का गलत अर्थ निकाला जा रहा है। मुझे माफ़ कर दो, अगर मेरी बातों से कोई आहात हो गया हो। हाल ही में एक इंटरव्यू में, मुझसे पूछा गया कि क्या मैं वामपंथी या दक्षिणपंथी का समर्थक थी। इसका जवाब देते हुए मैंने स्पष्ट रूप से कहा कि मेरा मानना है कि मैं तटस्थ हूं और हमें अपने विश्वासों के साथ अपनी पहचान बनाने से पहले अच्छे इंसान बनने की जरूरत है। और उत्पीड़ितों को किसी भी कीमत पर संरक्षित करने की आवश्यकता है।’
साईं पल्लवी ने कहा कि वह कभी भी एक त्रासदी को कम नहीं कर सकतीं, लेकिन न ही वह मॉब लिंचिंग की हिंसा को स्वीकार कर सकती हैं। मुझे नहीं लगता कि हममें से किसी को भी किसी दूसरे व्यक्ति की जान लेने का अधिकार है। मेडिकल ग्रेजुएट होने के नाते, मेरा मानना है कि सभी जीवन समान हैं और सभी जीवन महत्वपूर्ण हैं। मुझे उम्मीद है कि वह दिन नहीं आता जब कोई बच्चा पैदा होता है और वह अपनी पहचान से डरता है। मैं प्रार्थना करती हूं कि हम उस ओर नहीं बढ़ रहे हैं।’