
‘कांतारा’ के दैव्य की नकल पर ऋषभ शेट्टी का रिएक्शन
Rishab Shetty Statement On Kantara Controversy: एक्टर और फिल्ममेकर ऋषभ शेट्टी इन दिनों अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘कांतारा चैप्टर 1’ की सफलता के चलते सुर्खियों में हैं। फिल्म ने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्डतोड़ कमाई की, बल्कि भारतीय सिनेमा में लोक संस्कृति और परंपरा को नए स्तर पर पेश किया। इसी बीच हाल ही में अभिनेता रणवीर सिंह से जुड़ा एक विवाद सामने आया, जब उन्होंने एक इवेंट में ‘कांतारा’ के दैव्य रूप की नकल की। इस पर सोशल मीडिया पर जबरदस्त ट्रोलिंग हुई और अब खुद ऋषभ शेट्टी ने इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
दरअसल, यह मामला गोवा में हुए इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) के दौरान सामने आया था। एक मंच पर रणवीर सिंह ने ऋषभ शेट्टी की मौजूदगी में ‘कांतारा’ के दैव्य अवतार की मिमिक्री की। वीडियो सामने आते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं से जोड़ते हुए आपत्ति जताई। कई यूजर्स ने इसे असंवेदनशील करार दिया, जिसके बाद रणवीर सिंह को जमकर ट्रोल किया गया।
अब इस विवाद पर ऋषभ शेट्टी ने चेन्नई में आयोजित बिहाइंडवुड्स इवेंट में खुलकर बात की है। बिना रणवीर सिंह का नाम लिए उन्होंने कहा कि इस तरह की फिल्म बनाना अपने आप में एक बड़ा जोखिम होता है। हमारा कल्चर और ट्रेडिशन ऐसा नहीं होना चाहिए कि वह पॉप कल्चर बनकर रह जाए। मैंने इस किरदार को निभाने से पहले कई लोगों से सलाह ली थी और पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ इसे पर्दे पर उतारा।
ऋषभ शेट्टी ने आगे कहा कि फिल्म रिलीज के बाद जब लोग मंच पर देवता या दैवीय रूप की नकल करते हैं, तो उन्हें असहज महसूस होता है। उन्होंने कहा कि दैवीय तत्व बहुत संवेदनशील और पवित्र होते हैं। जब मैं देखता हूं कि लोग स्टेज पर इसकी नकल कर रहे हैं, तो मैं कंफर्टेबल नहीं होता। मैं जहां भी जाता हूं, लोगों से निवेदन करता हूं कि वे इसे स्टेज परफॉर्मेंस का हिस्सा न बनाएं। मैं इस किरदार से इमोशनल रूप से गहराई से जुड़ा हुआ हूं।
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विवाद बढ़ने के बाद रणवीर सिंह ने भी सोशल मीडिया पर सफाई दी थी। उन्होंने माफी मांगते हुए लिखा था कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था, बल्कि वह ऋषभ शेट्टी की परफॉर्मेंस की तारीफ कर रहे थे। रणवीर सिंह ने यह भी कहा कि वे हर संस्कृति, परंपरा और विश्वास का सम्मान करते हैं। ऋषभ शेट्टी के इस बयान के बाद साफ हो गया है कि ‘कांतारा’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि उनके लिए आस्था, संस्कृति और भावनाओं से जुड़ा एक अनुभव है, जिसे वे पूरी श्रद्धा के साथ देखे जाने की उम्मीद रखते हैं।






