रवि किशन (फोटो- सोशल मीडिया
मुंबई: भोजपुरी एक्टर रवि किशन आज अपना 56वां जन्मदिन मना रहे हैं। एक्टर का जन्म 17 जुलाई 1969 को हुआ था। रवि किशन का नाम आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है। उन्होंने अभिनय और राजनीति, दोनों क्षेत्रों में अपनी एक अलग जगह बनाई है। भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार और आज के समय में गोरखपुर से लोकसभा सांसद बनने का उनका सफर संघर्षों से भरा रहा है।
रवि किशन का जन्म मुंबई में हुआ था, लेकिन उनके पिता के व्यापार बंद होने के बाद परिवार जौनपुर चला गया। आर्थिक तंगी में गुजरे बचपन में उन्हें अभिनय का जुनून था, जो उनके पिता को बिल्कुल पसंद नहीं था। उन्होंने रामलीला में सीता की भूमिका निभाई, और जब पिता को यह पता चला, तो उन्होंने रवि को चमड़े की बेल्ट से पीटा। मगर रवि डिगे नहीं।
महज 17 साल की उम्र में रवि किशन अपने सपनों के पीछे भागते हुए घर छोड़कर मुंबई आ गए। मां से मिले 500 रुपये और उनके आशीर्वाद के साथ उन्होंने मायानगरी में संघर्ष शुरू किया। वे उसी चाल में रुके जहां पहले उनका परिवार रहा करता था। शुरुआती समय में बी-ग्रेड फिल्मों में काम मिला। 1992 में ‘पीतांबर’ से करियर शुरू किया, लेकिन लंबे समय तक उन्हें पहचान नहीं मिल सकी।
ब्रेक मिला 2003 की फिल्म ‘तेरे नाम’, जिसमें उन्होंने भूमिका चावला के मंगेतर का रोल निभाया। इसके बाद उन्हें फिल्मों और टीवी में नियमित काम मिलने लगा। उन्होंने भोजपुरी सिनेमा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और लोग उन्हें ‘भोजपुरी का अमिताभ बच्चन’ कहने लगे। रवि किशन का करियर केवल एक्टिंग तक सीमित नहीं रहा।
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रवि किशन ने राजनीति में कदम रखा और आज वे एक प्रभावशाली सांसद हैं। उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में कहा था कि कुछ लोगों की गलत सलाह मानकर मैंने अपनी जिंदगी में कुछ गलत फैसले लिए, लेकिन हर बार मां की दी सीख और खुद पर भरोसे ने मुझे संभाला। रवि किशन करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने एक्टिंग से लेकर संसद के गलियारों तक का सफर तय किया है।
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