मुंबई: राजकुमार राव और पत्रलेखा को बॉलीवुड के बेहतरीन कपल्स में से एक माना जाता है। दोनों ने साल 2021 में शादी कर ली थी। लेकिन उससे पहले यह दोनों 7 साल तक रिलेशनशिप में रहे। दोनों ने एक साथ फिल्म ‘सिटी लाइट’ में काम किया था और इसी समय उनके बीच प्यार के फूल खिले थे। राजकुमार राव की शादी के वक्त जब पत्रलेखा ने उनकी मांग भरी थी। तो इस खबर ने खूब सुर्खियां बटोरी थी, लेकिन अब जाकर राजकुमार राव ने उसके पीछे का कारण बताया है कि ऐसा शादी के वक्त क्यों किया गया था। दरअसल वो कुछ मामलों में पत्नी को बराबरी का एहसास करवाना चाहते थे।
राजकुमार राव ने बरखा दत्त को मोजो स्टोरी में की गई बातचीत के दौरान बताया कि हम शादी को लेकर बेहद उत्सुक थे मुझे हमेशा यह लग रहा था कि आखिर ऐसा क्यों है कि सिर्फ पत्रलेखा ही सिंदूर, मंगलसूत्र और चूड़ा पहन रही है और मैं सिर्फ रिंग पहन रहा हूं। ऐसे में उन्होंने पत्रलेखा से कहा कि तुम भी मेरे ऊपर सिंदूर डाल दो, ये सिर्फ इसलिए नहीं था कि मैंने उनकी मांग भरी तो उन्होंने मेरी मांग भी भर दी, बल्कि ये बराबरी वाली बात थी। उन्होंने बताया कि शादी के कुछ वचनों को लेकर और रूढ़िवादी प्रथाओं को लेकर भी राजकुमार सहज नहीं थे।
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राजकुमार राव ने बताया कि जब उन्होंने पत्रलेखा से ऐसा करने को कहा तो वह बेहद खुश नजर आई। यह हमारे लिए एक बड़ा क्षण था। लेकिन शादी की उत्सुकता में हमने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। लेकिन लोगों ने इसे पसंद किया, यह देखकर अब अच्छा लगता है। राजकुमार राव ने बताया कि वह शादी के समय वचन और मंत्र पर बेहद ध्यान दे रहे थे वह बार-बार पंडित से उच्चारण किए गए मंत्र का अर्थ भी पूछ रहे थे। जब राजकुमार राव और पत्रलेखा शादी के वक्त सात फेरे ले रहे थे तब पंडित ने सात वचन उन्हें सुनाए थे और उन सातों वचनों में एक वचन यह भी था कि पत्रलेखा कभी भी राजकुमार राव से गुस्सा नहीं होगी। तब राजकुमार राव ने कहा था कि यह वचन वैलिड नहीं है, ऐसा बिल्कुल भी नहीं होने वाला है।