पवित्रा पुनिया, पारस छाबड़ा (फोटो-सोर्स,सोशल मीडिया)
Pavitra Punia-Paras Chhabra Controversy: टीवी एक्ट्रेस पवित्रा पुनिया और एक्टर पारस छाबड़ा के बीच इन दिनों सोशल मीडिया पर जबरदस्त जुबानी जंग देखने को मिल रही है। मामला तब शुरू हुआ जब पवित्रा ने एक पॉडकास्ट में बयान देते हुए कहा कि देवी की मूर्तियों के वस्त्र पुरुष पुजारियों द्वारा बदले जाना गलत है। उन्होंने सवाल उठाया था कि “किस अधिकार से कोई पुरुष देवी के कपड़े बदलेगा?”
दरअसल, अब पवित्रा के इस बयान पर पारस छाबड़ा ने वीडियो बनाकर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि मूर्ति भी तो पुरुष ही बनाते हैं, ऐसे में श्रृंगार या वस्त्र बदलना कोई गलत बात नहीं है। पारस ने यहां तक कह दिया कि “बुद्धि में गंद भरा है तो ऐसी बातें आती हैं।”
पारस के इस तंज पर अब पवित्रा पुनिया ने खुलकर जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि इंसान और भगवान में बहुत फर्क होता है। भगवान आत्मा और एहसास का रूप होते हैं, जिन्हें किसी इंसान से तुलना नहीं की जा सकती। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “जब मां बीमार होती है तो उसका स्नान औरत ही कराती है, पुरुष नहीं। ऐसे ही देवी के वस्त्र बदलने का हक भी महिलाओं को होना चाहिए।”
पवित्रा ने पारस के तर्क को मूर्खतापूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि मूर्ति बनने के समय उसमें आत्मा नहीं होती, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा के बाद वह जीवंत मानी जाती है। इसलिए देवी की मूर्ति के वस्त्र पुरुष पुजारियों द्वारा बदलना उचित नहीं है।
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इतना ही नहीं, पवित्रा ने पारस छाबड़ा को नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि उन्हें दूसरों की लाइफ में दखल देने के बजाय अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। पवित्रा ने इशारों में यह भी कहा कि अगर उन्होंने मुंह खोला तो पारस की असलियत सामने आ सकती है, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंच सकता है।
अभिनेत्री ने आगे कहा कि सच हमेशा चुभता है और शायद इसी वजह से उनकी बातें पारस को खटक रही हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि दूसरों के नाम पर लाइमलाइट लेना अच्छी आदत नहीं है। हालांकि, इस विवाद ने सोशल मीडिया पर एक नई बहस छेड़ दी है। जहां कुछ लोग पवित्रा की सोच का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कई यज़र्स पारस के तर्क को भी सही ठहरा रहे हैं।