
ऑस्कर से 'लापता लेडीज' के बाहर होने पर हंसल मेहता ने एफएफआई पर कटाक्ष कियाऑस्कर से 'लापता लेडीज' के बाहर होने पर हंसल मेहता ने एफएफआई पर कटाक्ष किया
मुंबई: भारत की तरफ से इस बार ऑस्कर के लिए किरण राव की फिल्म लापता लेडीज को बेस्ट इंटरनेशनल फीचर कैटेगरी के लिए भेजा गया था। लेकिन यह फिल्म ऑस्कर की रेस से बाहर हो गई है। सोशल मीडिया पर यूजर्स फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया पर गुस्सा निकालते हुए नजर आ रहे हैं, तो वहीं फिल्म मेकर हंसल मेहता ने भी फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया के स्ट्राइक रेट पर सवाल किया है।
मशहूर फिल्म मेकर हंसल मेहता के मुताबिक दिन-ब-दिन फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया का फिल्म सिलेक्शन करने का तरीका कमतर साबित होता जा रहा है। हंसल मेहता ने अपने एक्स (पहले ट्विटर) हैंडल पर उन 15 फिल्मों की लिस्ट शेयर की है जिन्हें ऑस्कर की रेस में शामिल किया गया है। बदकिस्मती से लापता लेडिज का नाम उस लिस्ट से लापता है। इसी पर हंसल मेहता ने तंज कसा है और लिखा है फेडरेशन ऑफ इंडिया ने एक बार फिर कर दिखाया उनका स्ट्राइक रेट और साल दर साल फिल्मों का चयन कमल का है।
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हंसल मेहता ने जब यह मुद्दा उठाया तो आम लोगों को भी हंसल मेहता का जमकर सपोर्ट मिल रहा है। सोशल मीडिया पर लोग लापता लेडीज को ऑस्कर में भेजे जाने के फैसले लेकर फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया पर सवाल उठाते हुए नजर आए हैं। सोशल मीडिया पर हंसल मेहता की ही पोस्ट पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा है, जूरी को खुद पर शर्म आनी चाहिए। वहीं एक अन्य यूज़र ने यह लिखा है कि लापता लेडीज से बेहतर फिल्म भी कतार में थी लेकिन फिर भी लापता लेडीज को ऑस्कर में भेजा गया।
सोशल मीडिया पर एक अन्य यूजर ने मजेदार कमेंट किया है लिखा है, इंडियन फिल्म लापता। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया के फैसले पर संस्थान की जमकर फजीहत हो रही है। सिर्फ हंसल मेहता और सोशल मीडिया यूजर्स ही नहीं, बल्कि इस विषय पर चर्चा गली और नुक्कड़ पर भी हो रही है। ऐसे में अब देखना यह होगा कि अपनी इस फजीहत से फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया कोई सबक लेता है या फिर उनका फिल्मों का चुनाव का तरीका जस का तस रहता है।






