तनुश्री दत्ता, नाना पाटेकर (फोटो-सोर्स,सोशल मीडिया)
मुंबई: बॉलीवुड एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। लेकिन अब कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया है। हालांकि, उन्होंने अपने को-स्टार रहे नाना पाटेकर के खिलाफ केस की जांच बंद करने के फैसले को चुनौती दी थी। बता दें, ये मामला साल 2018 में तनुश्री द्वारा नाना पाटेकर पर लगाए गए मीटू आरोप से जुड़ा है।
दरअसल, तनुश्री दत्ता ने एक्टर नाना पाटेकर पर मीटू मूवमेंट के दौरान यौन उत्पीड़न और फिल्म की शूटिंग के वक्त किए गए गलत व्यवहार का आरोप लगाया था। एक्ट्रेस ने नाना पाटेकर समेत कुछ लोगों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज की थी। हालांकि, अब इस मामले मामले की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि शिकायत सीमित वक्त के बाद दायर की गई थी और इसमें देरी का कोई कारण नहीं बताया गया है।
याचिका खारिज करने की क्या है वजह?
हालांकि, साल 2019 में पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उसने मामले की जांच की, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कुछ भी सबूत नहीं मिले हैं। पुलिस ने इसे ‘बी-समरी’ रिपोर्ट के रूप में कोर्ट में पेश किया।
इस रिपोर्ट के अनुसार, एफआईआर गलत थी। तनुश्री ने इस रिपोर्ट के खिलाफ विरोध याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कोर्ट से जांच को आगे बढ़ाने की मांग की थी। न्यायिक मजिस्ट्रेट एन.वी. बंसल ने कहा कि तनुश्री ने 2018 में जो एफआईआर दर्ज कराई थी, वह 2008 में हुई घटना से संबंधित थी। भारतीय दंड संहिता की धारा 354 और 509 के तहत इस तरह के अपराधों की शिकायत की सीमा तीन साल है।
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कोर्ट ने कहा कि अधिक समय सीमा पार करने बाद कोई वजह सामने नहीं है, इसलिए इस मामले पर संज्ञान नहीं लिया जा सकता है। कोर्ट ने ये भी कहा है कि अगर इतने बड़े अंतराल के बाद देरी को स्वीकार किया जाता है, तो यह न्याय की सच्चाई और समानता के सिद्धांत के खिलाफ होगा।
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें, साल 2018 में तनुश्री दत्ता ने खुलासा किया था कि फिल्म की शूटिंग के दौरान नाना पाटेकर ने उनके साथ बदसलूकी की थी। मीटू मूवमेंट की वाज से मामले ने खूब चर्चा बटोरी थी। साथ ही इस दौरान कई और एक्ट्रेसेज ने सामने आकर अपने साथ हुए बुरे व्यवहार के बारे में खुलकर बात की थी।