दिवंगत अभिनेता अरुण बाली का संघर्ष, थिएटर में डायलॉग भूलने के बाद भाई की प्रेरणा से बने इंडस्ट्री के 'शानदार कलाकार'
Arun Bali Birth Anniversary: भारतीय सिनेमा और टीवी के शानदार अभिनेता अरुण बाली भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके निभाए किरदार आज भी दर्शकों के दिलों में ज़िंदा हैं। छोटे-बड़े हर रोल में उन्होंने ऐसी जान फूँकी कि लोग उन्हें भूल नहीं पाते। ‘3 इडियट्स’, ‘पीके’, ‘लगे रहो मुन्नाभाई’ जैसी फिल्मों से लेकर ‘नीम का पेड़’ जैसे टीवी शो तक, अरुण बाली ने हर जगह अपनी एक अमिट छाप छोड़ी।
आज, 23 दिसंबर को अभिनेता का जन्मदिन है। अरुण बाली ने अपने अंतिम क्षणों तक अभिनय किया और यह एक भावुक संयोग था कि उनकी आखिरी फ़िल्म ‘गुडबाय’ जिस दिन रिलीज़ हुई, उसी दिन वे दुनिया को अलविदा कह गए।
अरुण बाली का शुरुआती जीवन संघर्षपूर्ण रहा था। उन्हें एक्टिंग के साथ ही गायिकी का भी शौक था।
निराशा का पल: एक बार थिएटर में स्टेज पर आने के बाद वह इतने नर्वस हो गए कि डायलॉग्स ही भूल गए। दर्शकों ने हूटिंग शुरू कर दी, और बैकस्टेज पहुँचने पर डायरेक्टर ने उन्हें डांट लगा दी।
भाई की प्रेरणा: इस घटना से निराश होकर उन्होंने थिएटर छोड़ने का फैसला कर लिया था। लेकिन उनके बड़े भाई ने उन्हें समझाया कि हार नहीं माननी चाहिए और अगर कोई सिखा रहा है तो उसकी डांट का सम्मान करना चाहिए। इस प्रेरणा से अरुण बाली ने फिर कभी हार नहीं मानी।
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अरुण बाली ने टीवी की दुनिया से सफलता हासिल की।
टीवी शो: उन्होंने ‘नीम का पेड़’, ‘चाणक्य’, ‘स्वाभिमान’, ‘कुमकुम’ जैसे कई शो में यादगार किरदार निभाए।
पहचान: उन्हें असली पहचान ‘कुमकुम’ टीवी शो में निभाए गए उनके किरदार से मिली, जिसके बाद बॉलीवुड में उनकी एंट्री हुई।
साल 1991 में रिलीज़ हुई फ़िल्म ‘सौगंध’ से उन्होंने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की।
प्रमुख फ़िल्में: इसके बाद उन्होंने ‘यलगार’, ‘राजू बन गया जेंटलमैन’, ‘खलनायक’, ‘सत्या’, ‘हे राम’, ‘लगे रहो मुन्नाभाई’ जैसी कई बेहतरीन फ़िल्मों में अपने शानदार अभिनय की छाप छोड़ी।
लेटेस्ट रोल्स: वह बाद के दिनों में ‘केदारनाथ’, ‘थ्री इडियट्स’, ‘पीके’, ‘बर्फी’, ‘लाल सिंह चड्ढा’ और उनकी आखिरी फ़िल्म ‘गुडबाय’ में भी अहम किरदारों में दिखाई दिए।
अरुण बाली का 7 अक्टूबर 2022 को निधन हो गया।