आमिर खान: सिनेमा का जादूगर का ऐलान
मुंबई: PVR INOX ने हाल ही में एक खास फिल्म फेस्टिवल ‘आमिर खान: सिनेमा का जादूगर’ का ऐलान किया है। यह फेस्टिवल आमिर खान के भारतीय सिनेमा में दिए गए अनमोल योगदान को सेलिब्रेट करने के लिए रखा गया है। जैसे ही इस फेस्टिवल की घोषणा हुई, दर्शकों में जबरदस्त एक्साइटमेंट देखने को मिली। आमिर खान, जो अपनी परफेक्शन और दमदार कहानियों के लिए जाने जाते हैं, उनके फिल्मी सफर को फिर से बड़े पर्दे पर देखना किसी ट्रीट से कम नहीं होगा। बॉलीवुड के इस सिनेमा के जादूगर की फिल्मों को फिर से सिनेमाघरों में देखने का मौका दर्शकों के लिए एक यादगार अनुभव बनने वाला है।
बढ़ते एक्साइटमेंट के बीच मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई, जहां जावेद अख्तर और PVR के फाउंडर अजय बिजली ने आमिर खान के साथ मिलकर एक दिलचस्प बातचीत की। तीनों दिग्गजों ने मिलकर आमिर खान: सिनेमा का जादूगर का ट्रेलर लॉन्च किया, जिसे देखकर फैंस और भी ज्यादा एक्साइटेड हो गए। ये खास फिल्म फेस्टिवल 14 मार्च, यानी आमिर खान के बर्थडे से शुरू होकर 27 मार्च तक चलेगा। इस दौरान उनकी कुछ आइकॉनिक फिल्में फिर से बड़े पर्दे पर देखने को मिलेंगी, जो फैंस के लिए किसी ट्रीट से कम नहीं होगी।
Some films leave an impact. Some redefine storytelling. And some? They deserve the big screen again!
PVR INOX brings you the Aamir Khan Film Festival from March 14 to 27—an exclusive chance to relive the magic of his most iconic films the way they were meant to be watched.
💥✨… pic.twitter.com/Ha8VGpPkaB— P V R C i n e m a s (@_PVRCinemas) March 9, 2025
आमिर खान के बारे में बात करते हुए जावेद अख्तर ने कहा कि इतने सारे किरदार हैं कि मुझे डर है कहीं मैं कुछ भूल न जाऊं। आमिर का जन्म 1965 में हुआ और मैंने भी 1965 में बॉलीवुड में काम शुरू किया था। आमिर ने अपनी पहली फिल्म में मेरे द्वारा लिखी स्क्रिप्ट पर काम किया था। मैं पंचगनी में नासिर हुसैन के लिए ‘फर्याज’ फिल्म लिख रहा था। तभी मैंने आमिर को देखा और तुरंत नासिर से कहा कि यह लड़का एक स्टार है और इसकी शुरुआत एक रोमांटिक फिल्म से होनी चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि आमिर की पहली फिल्म की स्क्रिप्ट मैंने लिखी थी और मेरे बेटे (फरहान अख्तर) की पहली फिल्म भी आमिर के साथ थी।
मनोरंजन से जुड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
आमिर खान ने जावेद अख्तर से मजाकिया अंदाज में कहा कि जब उन्होंने फरहान को स्क्रिप्ट सुनने से मना कर दिया था, तो वह जावेद साहब के फोन का इंतजार कर रहे थे। लेकिन जब काफी समय तक फोन नहीं आया, तो उन्हें एहसास हुआ कि फरहान ने शायद अपने पिता से इस बारे में बात ही नहीं की होगी। इसका मतलब था कि फरहान को आमिर पर पूरा भरोसा था और वह सच में उन्हें अपनी फिल्म में चाहते थे।