नागपुर: नामांकन पत्र दाखिल करने के अंतिम दिन से पहले महाविकास आघाड़ी शहर और ग्रामीण में विद्रोह देखने को मिल रहा है। जानकारी के अनुसार, रामटेक से कांग्रेस के जिला अध्यक्ष राजेंद्र मुलक मंगलवार सुबह अपना नामांकन फॉर्म दाखिल करेंगे। दूसरी ओर शहर में भी कांग्रेसियों ने बगावत कर दी है।
काटोल में मां राजश्री जिचकर और बेटे याज्ञवल्क्य जिचकर ने बगावत कर दी है। उम्मीदवारों की संख्या से पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी महाविकास आघाड़ी में सबसे बड़ी पार्टी है। लोकसभा चुनाव में मिली सफलता से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह है। पार्टी से बड़ी संख्या में उम्मीदवारों ने मांग की। हालांकि, कई लोगों को निराशा हाथ लगी तो नाराज लोगों ने नामांकन पत्र दाखिल कर पार्टी को एक तरह से चेतावनी दे दी है।
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पूर्व नागपुर में सबसे ज्यादा विद्रोह देखने को मिल रहा है। यह सीट मविआ में शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस के खाते में चली गई है। इसलिए पिछली बार कांग्रेस से 79,927 वोट पाने वाले पूर्व नगरसेवक पुरुषोत्तम हजारे ने जोरदार शक्ति प्रदर्शन के साथ आवेदन दाखिल किया। बाद में नगर परिषद के पूर्व विपक्षी नेता तानाजी वनवे ने भी आवेदन दायर किया। महिला कांग्रेस की संगीता वाल्दे ने भी पार्टी से नामांकन मांगा नहीं मिलने पर उन्होंने सोमवार को अपना नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया।
उत्तर से पूर्व नगर सेवक मनोज सांगोले ने बसपा का आधिकारिक एबी फॉर्म हासिल किया है और अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत की है। पश्चिम में पार्टी से निलंबित नरेंद्र जिचकर ने निर्दलीय उम्मीदवारी दाखिल कर पार्टी का सिरदर्द बढ़ा दिया है। काटोल के ग्रामीण इलाकों में भी श्रीकांत जिचकर की पत्नी राजश्री जिचकर और बेटे याज्ञवल्क्य जिचकर ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है।
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ऐसी संभावना है कि इन दोनों उम्मीदवारों में से कोई एक अपनी उम्मीदवारी वापस ले लेगा। माविआ के घटक दल सीपीआई ने सीट मांगी थी। पूर्व मंत्री रमेश बंग माविआ मैदान में हैं। इसलिए सीपीआई के नेता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं श्याम काले ने बगावत कर दी है। मंगलवार को नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन होने के कारण बागियों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
तमाम कोशिशों के बाद भी जब रामटेक कांग्रेस को नहीं मिली तो कांग्रेस जिला अध्यक्ष राजेंद्र मुलक ने रामटेक से अपनी उम्मीदवारी दाखिल करने का फैसला किया है। नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए पूर्व मंत्री सुनील केदार, सांसद श्यामकुमार बर्वे उनके साथ रहेंगे। यहां कांग्रेस ‘सांगली पैटर्न’ करने की तैयारी में है।