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मुंबई: महाराष्ट्र की सियासी फिजाओं में चुनावी बादल छाए हुए हैं। सभी राजनैतिक दल, खासकर ‘महाविकास अघाड़ी’ और ‘महायुति’ सत्ता की फसल उगाने के लिए वोटर्स की बरसात चाहते हैं। लेकिन राज्य में असदुद्दीन की एआईएमआईएम और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ऐसी हवा बहाने के लिए तैयार हैं जो महाविकास अघाड़ी के लिए सूखे ही स्थिति पैदा कर सकती है। चलिए आपको बताते हैं कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं।
महाराष्ट्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या कुल आबादी का करीब 12 फीसदी है। 2011 की जनगणना के मुताबिक महाराष्ट्र में 11.54 फीसदी (करीब 1.5 करोड़) मुस्लिम आबादी है। ये मुस्लिम मतदाता महाराष्ट्र की 40 सीटों के नतीजों में बड़ा उलटफेर करने की ताकत रखते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब एक महीने से भी कम समय बचा है। इसके लिए सियासी बिसात बिछ चुकी है।
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महायुति से लेकर महाविकास अघाड़ी तक उम्मीदवारों का ऐलान हो रहा है। इस बीच समाजवादी पार्टी और एआईएमआईएम ने एमवीए गठबंधन की टेंशन बढ़ा दी है। महाराष्ट्र में एमवीए गठबंधन द्वारा सीटें न दिए जाने से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव नाराज नजर आ रहे हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अखिलेश यादव ने रविवार को एमवीए को चेतावनी भी दी है। कि जहां भी हम मजबूत हैं, वहां चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेंगे।
महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री ने कांग्रेस और एनसीपी की टेंशन बढ़ा दी है। इन पार्टियों के चुनावी मैदान में उतरने से सीधे तौर पर मुस्लिम वोटों का बंटवारा होने की संभावना बन सकती है। अगर ऐसा हुआ तो कई सीटों पर चुनाव नतीजे बदल सकते हैं। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM महाराष्ट्र चुनाव में अपने दम पर 45 सीटों पर उम्मीदवार उतार सकती है।
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पिछले विधानसभा चुनाव में AIMIM ने 44 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की थी। इनमें से कई सीटें ऐसी हैं, जहां 30 फीसदी से ज्यादा मतदाता मुस्लिम हैं। ओवैसी की पार्टी AIMIM मुस्लिम, दलित और पिछड़े वर्ग का वोट हासिल कर किंगमेकर बनने की कोशिश कर रही है। पिछले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 3, एनसीपी के 2, समाजवादी पार्टी के 2, AIMIM और शिवसेना के 1-1 मुस्लिम विधायक जीते थे।
2011 की जनगणना के अनुसार महाराष्ट्र में करीब 1.5 करोड़ मुस्लिम आबादी है। महाराष्ट्र के उत्तरी कोंकण, खानदेश, मराठवाड़ा और पश्चिमी विदर्भ में मुसलमानों की संख्या ज्यादा है। करीब 40 विधानसभा सीटों पर जीत-हार में मुस्लिम समुदाय की प्रभावी भूमिका होती है। पिछले महाराष्ट्र चुनाव में 10 मुस्लिम विधायक चुनाव जीते थे। इनमें से कांग्रेस से 3, एनसीपी से 2, सपा से 2, एआईएमआईएम से 2 और शिवसेना से 1 उम्मीदवार जीता है।
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