मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (सोर्स: एक्स@mieknathshinde)
छत्रपति संभाजीनगर: सीएम शिंदे ने शिवसेना उम्मीदवार रमेश बोरनारे के लिए वैजापुर में एक रैली को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि जाति-आधारित राजनीति के बजाय पार्टी का सामुदायिक सेवा पर ध्यान केंद्रित करना औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में पार्टी की जीत का कारण था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को शिवसेना (यूबीटी) के लिए बढ़ते समर्थन के दावे को खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के पक्ष में बढ़ रहा मुस्लिम वोट जल्द ही बिखर जाएगा।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आरोप लगाया कि “उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेन (यूबीटी) का चुनाव चिन्ह ‘मशाल’ घरों को आग लगाने और समुदायों के बीच दरार पैदा करने का माध्यम है। सीएम शिंदे ने कहा कि “शिवसेना (यूबीटी) के लोग मशाल को क्रांति का प्रतीक कहते हैं। लेकिन उनकी मशाल घरों को जला देती है और समुदायों के बीच दरार पैदा करती है। उनके पक्ष में बढ़ रहा मुस्लिम वोट जल्द ही बिखर जाएगा।”
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एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि मराठवाड़ा क्षेत्र के विधायकों को 2019 जब एमवीए सरकार सत्ता में आई के बाद 2.5 वर्षों के दौरान अपने निर्वाचन क्षेत्रों के विकास के लिए एक भी रुपया नहीं मिला था। लेकिन महायुति की सरकार बनने के बाद इस क्षेत्र में विकास के काम हुए है।
बता दें कि इसी साल मई में हुए लोकसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। महा विकास अघाड़ी में कांग्रेस के साथ शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद प्रवार) और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) शामिल है।
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लोकसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी में कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) के साथ चुनाव लड़ने के कारण शिवसेना (यूबीटी) को मुस्लिम वोट भी मिला था। अब विधानसभा चुनाव में भी मुस्लिम वोट मिलने की संभावनाओं को मुख्यमंत्री शिंदे ने खारिज किया है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए 20 नवंबर को मतदान होना है। वहीं 23 नवंबर को मतगणना होगी।