मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (डिजाइन फोटो, सौ- नवभारत)
नई दिल्ली : देशभर के मीडिया चैनल और एग्जिट पोल में हरियाणा राज्य में कांग्रेस पार्टी की जीत और भारतीय जनता पार्टी सरकार की विदाई की खबरें प्रचारित प्रसारित की जा रही थीं और मतगणना के पहले दो घंटे के रूझान देखकर सारे लोगों को भी ऐसा लगने लगा था। लेकिन भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेता ऐसे थे, जो अपनी जीत को पक्की मान रहे थे, क्योंकि उन्होंने जमीनी स्तर पर अपनी मजबूत एक्सरसाइज कर रखी थी और उन्हें पता था कि कहां पर कैसे बड़ी पलटती नजर आ रही है।
भारतीय जनता पार्टी के जमीनी रणनीतिकारों में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के अलावा पार्टी के वरिष्ठ रणनीतिकार और मोदी सरकार के मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी अहम भूमिका निभाई थी। वह हरियाणा में जीत के चुनावी रणनीतिकारों व प्रबंधकों में काफी अहम भूमिका निभाने वालों में से थे।
कैबिनेट मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (सौ- नवभारत)
ये है धर्मेंद्र प्रधान की खासियत
ऐसा माना जा रहा है कि मोदी सरकार ने जानबूझकर सत्ता विरोधी माहौल को थामने और उसे जीत में परिवर्तित करने की कमान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को सौंपी थी। धर्मेंद्र प्रधान अपनी शांत स्वभाव और मजबूत इच्छा शक्ति के बल पर पूरी तरह से काम करते रहे और भाजपा को जीत का तिलक लगाकर ही सांस ली। साथ ही राज्य में भाजपा में लगातार तीसरी जीत दिलाकर इतिहास बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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आपको बता दें कि संगठन के मामलों में व्यापक अनुभव रखने वाले धर्मेंद्र प्रधान कई राज्यों में पार्टी के विजय के अभियान का सफल नेतृत्व कर चुके हैं। सफल चुनाव प्रबंधन और गंभीरता से हर रणनीति का क्रियान्वयन करने का अनुभव रखने वाले धर्मेंद्र प्रधान के ऊपर न सिर्फ पार्टी संगठन का भरोसा है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी उन पर पूरा भरोसा जताते हैं।
अपने राज्य में दिखा चुके हैं करिश्मा
आपको याद होगा कि वह ऐसा ही कारनामा कुछ महीने पहले उन्होंने उड़ीसा में कर दिखाया था और कई सालों से चली आ रही बीजू जनता दल की सरकार को वहां से बेदखल करके भारतीय जनता पार्टी की पहली बार सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके थे। उनकी इसी खासियत की वजह से एक बार फिर उनको हरियाणा में काम करने की सलाह दी गई, जिस जिम्मेदारी को उन्होंने बखूबी निभाया।
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स्थानीय नेताओं का कहना है कि हरियाणा में वह पूरे समय तक जी जान से लग रहे और कई जिलों में कैंप लगाकर स्थानीय नेताओं से चर्चा की और आवश्यक दिशा निर्देश देते रहे। रोहतक, पंचकूला और कुरुक्षेत्र में बाकायदा कैंप लगाकर कई रात निवास भी किया और अपनी रणनीति को जमीनी स्तर पर उतरने में सफल रहे।
आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव में सारे पूर्वानुमानों को फेल करते हुए भारतीय जनता पार्टी को अप्रत्याशित तरीके से 48 सीटों पर जीत हासिल करके बहुमत दिला दिया। साथ ही हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाने का दावा मजबूक कर दिया, जबकि कांग्रेस पार्टी केवल 37 सीटों पर सिमट गई। अन्य के खाते में 5 सीटें आई हैं।